मधुपुर (देवघर): शनिवार को लोक जागृति केंद्र व मजदुर किसान समिति के बैनर तले सुदूर जीतपुर चेचाली जंगल के समीप क्रांति स्थल पर पर्यवारण दिवस व संपूर्ण क्रांति दिवस मनाया गया। बैठक पूर्व मुखिया शिवलाल की अध्यक्षता में हुई।
इस दौरान जंगल में लगे पेड़ो में दर्जनों ग्रामीणों ने राखी बांधकर जंगलो की सुरक्षा का संकल्प लिया। साथ ही जंगल के है क्या उपकार,मिटटी, पानी और वयार। मिटटी, पानी और वयार ये है जीवन के आधार,जल जंगल जमीं हमारा झारखंडियों का ये है नारा। गगनभेदी नारे से जीतपुर जंगल गुंजायमान हो गया।
मौके पर पर्यावरणविद अरविन्द कुमार ने कहा कि जंगल है तो जीवन है। जंगल के वनोपज से आसपास 40 प्रतिशत ग्रामीणों की घर गृहस्थी चलती है। वर्षा के लिये जंगल बहुत ही उपयोगी है। संपूर्ण क्रांति की तर्ज पर जंगल बचने और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो।
पूर्व मुखिया शिवलाल किस्कु,झरी सिंह ने कहा कि पर्यावरण संतुलित रहेगा,तो मानव जीवन सुरक्षित रहेगा। ग्रामीण घनश्याम ने कहा कि जंगल कृषि कार्य का रीढ़ है।
मौके पर सहदेव सिंह, अगनु सिंह, एतवारी सिंह,उप मुखिया अनिल टुडू, लक्षमण सिंह,चुड़का किश्कु, बुधन, सोहन सिंह, जगदीश, सहदेव सोरेन, नुनूलाल सोरेन सहित दर्जनों लोग इस परिचर्चा में मौजूद थे।
गाँव में नहीं कोरोना का असर
बैठक में कोरोना महामारी को लेकर चर्चा हुई। वहाँ उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि इस इलाके में कोरोना का प्रकोप नहीं दिख रहा है। इसका मुख्य कारण ऑक्सीजनउक्त वायु और जड़ी बूटी का नियमित सेवन करना। ताजा फल – फूल खाना साथ ही मेहनत करना बताया गया। ग्रामीणों के बीच दवा के रूप में कोरोना किट का वितरण किया गया है।