रांची।
जेपीएससी (JPSC) की कंबाइंड सिविल सेवा-2021 का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। अभ्यर्थियों द्वारा दायर उम्र की छूट मांगने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। जेपीएससी के कंबाइंड सिविल सेवा परीक्षा में उम्र सीमा में छूट मांगने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने पक्ष रखा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को रद्द कर दिया। सरकार के बनाए गए नए नियम को हाईकोर्ट ने सही करार दिया है।
हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की गई है। उम्र सीमा में छूट दिए जाने को लेकर मुकेश कुमार व अमित कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनकी ओर से जेपीएससी परीक्षा के उम्र की कट ऑफ डेट एक अगस्त 2016 को घटाकर एक अगस्त 2011 करने की मांग की है।
बता दें कि 7-10वीं सिविल सेवा परीक्षा में अधिकतम उम्र सीमा 2011 के बजाय 2016 करने के फैसले का कई छात्र विरोध कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि अधिकतम उम्र सीमा 1 अगस्त 2011 करने की जगह 1 अगस्त 2016 करने से झारखंड के हजारों छात्र परीक्षा में उपस्थित होने से वंचित हो जाएंगे। नए Rules के तहत सरकार ने 2017, 2018, 2019 और 2020 में चार सिविल सेवा परीक्षा एक साथ लेने का फैसला किया। परीक्षा में अभ्यर्थियों के हितों को देखते हुए विभागीय संकल्प संख्या 805 के 5 फरवरी 2021 के द्वारा कट ऑफ डेट 1 अगस्त 2016 करने का निर्णय सरकार ने लिया है।