रांची।
गोड्डा लोकसभा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे के एमबीए की सर्टिफिकेट को फर्जी बता दायर प्राथमिकी को रद्द करने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने सांसद निशिकांत को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बुधवार को जस्टिस आनंदा सेन की अदालत में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद शिकायतकर्ता विष्णुकांत झा को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। सांसद निशिकांत दुबे की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता आर. एस मजूमदार और अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने कोर्ट में पक्ष रखा।
बता दें कि सांसद की ओर से याचिका दायर कर यह मांग की गई है कि उनके खिलाफ जो एफ आई आर किया गया है वह गलत है। उसे रद्द किया जाए। सांसद के एमबीए के सर्टिफिकेट को फर्जी बताने वाले शिकायतकर्ता विष्णुकांत झा ने देवघर थाने में सांसद के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराया है। उस एफआइआर में कहा गया है कि सांसद ने फर्जी तरीके से एमबीए का सर्टिफिकेट दिल्ली विश्वविद्यालय से लिया है। इस मामले में उनके ऊपर कारवाई की जाए।
अब अदालत ने विष्णुकांत झा को नोटिस जारी किया है। अब शिकायतकर्ता को यह बताना होगा कि उन्होंने किस आधार पर सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री को फर्जी बताया है।