Deoghar: देवघर में रविवार की शाम त्रिकुट पर्वत पर रोप-वे पर हुए हादसे के 45 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया। रोप-वे की ट्रॉलियों में फंसे 48 लोगों में से 46 को बचा लिया गया है। जबकि हादसे में कुल 3 लोगों की मौत हुई है और 12 से ज्यादा घायल हैं। रेस्क्यू के दौरान सोमवार को एक व्यक्ति की हेलिकॉप्टर में चढ़ाने के दौरान गिरने से जान चली गई थी तो दूसरे दिन भी एक महिला ट्रॉली से नीचे जा गिरी। जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं, एक सैलानी की मौत पहले दिन ही घटना में घायल होने से हो गयी थी।
मंगलवार को तीसरे दिन 7 घंटे ऑपरेशन चला। एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों ने हेलिकॉप्टर से 2500 फीट ऊंचाई पर पहुंचकर रोप-वे की तीन ट्रॉलियों में फंसे 14 सैलानियों को सुरक्षित निकाला। ऊंचाई और तेज हवा होने की वजह से यह सबसे मुश्किल रेस्क्यू हुआ।
तीन ट्रॉली सबसे ऊंचाई पर थे, जिसकी वजह से रोप-वे के तार के कारण लोगों तक पहुंचने में कठिनाई आई। रेस्क्यू के दौरान एक जवान के पैर में भी चोट लग गई।
एक दिन पहले सोमवार को सेना, वायुसेना, ITBP और NDRF की टीमों ने 12 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। इसमें 33 लोगों को तीन हेलिकॉप्टर और रस्सी के सहारे बचाया गया था। सोमवार को रेस्क्यू के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूट जाने के कारण एक व्यक्ति की हेलिकॉप्टर से नीचे गिर कर मौत हो गई थी। अंधेरा और कोहरा हो जाने की वजह से ऑपरेशन बंद कर दिया गया था।
इस ऑपरेशन में वायु सेना के तीन हेलिकॉप्टर को लगाया गया था। आला अधिकारी लगातार मौके पर कैंप कर रहे थे। सांसद निशिकांत दुबे हादसे के पहले दिन से वहां डटे हुए थे। निशिकांत दुबे के ट्वीट के बाद ही गृह मंत्रालय ने घटना को संज्ञान में लिया जिसके बाद दूसरे दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
हादसे में बचाए गए 12 से अधिक लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें महिलाएं और बच्चियां शामिल हैं। कुछ घायलों को ICU में भी रखा गया है।