नई दिल्ली: Air India फिर Tata Sons की झोली में आ गिरी है। Dipam सचिव की मानें तो मंत्री समूह ने Air India के विनिवेश प्रक्रिया में Tata Sons की बोली को स्वीकार कर लिया है। इससे टाटा Air India को 67 साल बाद ग्रुप में जोड़ने में कामयाब रहा है। Airline अब नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के पास वापस चली जाएगी।
1932 में टाटा एयरलाइंस था नाम
टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। इसके बाद सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Air India) कर दिया। मोदी सरकार ने जुलाई 2017 में एयर इंडिया के बिक्री का फैसला किया और उसके बाद से लगातार कोशिश जारी है। चार सालों की कोशिश के बाद एयर इंडिया को आज नया मालिक मिला।
18000 करोड़ में जीती बोली
Dipam सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि Tata Sons ने एंटरप्राइज वैल्यू 18000 करोड़ रुपए लगाई थी। इस बिड में दो बोली लगाने वाले ग्रुप ने हिस्सा लिया था। 5 बिडर्स को अयोग्य घोषित कर दिया गया, क्योंकि उनकी बोली निर्धारित मानदंड से मेल नहीं खा रही थी। बिडर्स को विश्वास में लेते हुए पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से आगे बढ़ाया गया।
Talace Pvt की होगी एयरलाइन
Dipam सचिव ने बताया कि टाटा सन्स की इकाई Talace Pvt Ltd ने 18 हजार करोड़ रुपए में यह बोली जीती है। यह डील दिसंबर 2021 तक पूरी होने की संभावना है। इस बिड को पास करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों का पैनल बना था। इसमें दो बिडर के बीच कड़ा मुकाबला था।
नागर विमानन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल के मुताबिक एयर इंडिया में 12,085 कर्मचारी हैं, जिसमें से 8,084 स्थायी कर्मचारी हैं और 4,001 कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं। इसके अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस में 1434 कर्मचारी हैं। 1 साल और तक अगर उनकी छंटाई होगी तो उनको वीआरएस देना होगा।