Siwan: सीवान के बहुचर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड से जुड़े जिस महिला गवाह को मृत बता कर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने न्यायालय में डेथ रिपोर्ट सबमिट किया था, वह महिला जिंदा निकली। शुक्रवार को वह स्वयं मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट (Muzaffarpur Civil Court) में न्यायाधीश के समक्ष उपस्थित हुईं ।
उन्होंने जज के सामने आकर कहा , ” हुजूर , मैं जिंदा हूं । मुझे सी बी आई वालों ने मृत घोषित कर दिया है ।” अब कोर्ट ने सीबीआई से स्पष्टीकरण मांगा है ।
उल्लेखनीय हो कि पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में महिला बादामी देवी गवाह हैं। सीबीआई ने 24 मई को कोर्ट में बादामी देवी को मृत बताते हुए रिपोर्ट दाखिल किया था। इस बात की जानकारी जब बादामी देवी को मीडिया के माध्यम से मिली तो वह काफी दुखी हुईं। वे शुक्रवार को स्वयं कोर्ट में उपस्थित हुईं और कहा कि मैं जिंदा हूं।
महिला ने कोर्ट के समक्ष आईकार्ड , पैन कार्ड , वोटर आई कार्ड दिखाया। इस पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए सीबीआई से शोकॉज किया है।
पूरे मामले के संबंध में जानकारों का कहना है कि महिला बदामी जिसके घर पर राजदेव रंजन हत्याकांड के आरोपी अभियुक्त कब्जा करने की फिराक में थे। पत्रकार राजदेव रंजन इसे लेकर लगातार आवाज उठा रहे थे । इसी बात को लेकर आरोपित लड्डुन मियां समेत अन्य ने तय किया था कि पत्रकार की हत्या के बाद ही घर पर कब्जा हो सकता है। इसके बाद पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी ।
बादामी देवी ने बताया कि मेरी उम्र 80 वर्ष पार कर चुकी है , लेकिन जब सुना कि हमें मरा हुआ घोषित कर दिया गया है, तब हम काफी दुखी हुए। ये सब आरोपियों की मिलीभगत से हुआ है ।
अधिवक्ता ने उठाए सवाल
अधिवक्ता शरद सिन्हा ने सी बी आई के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा , ” ये बड़ी लापरवाही है । देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी अगर इस तरीके से काम करेगी तो क्या होगा ? सी बी आई ने गवाह से संपर्क तक नहीं किया और महिला को मृत घोषित कर दिया । इतना ही नहीं , कोर्ट में रिपोर्ट भी सबमिट कर दी गई । इसमें कहीं न कहीं साजिश की बू आ रही है ।”
उल्लेखनीय हो कि 13 मई 2016 को सीवान के स्टेशन रोड में गोली मारकर राजदेव रंजन की हत्या कर दी गई थी । जांच के बाद सी बी आई ने सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन समेत आठ आरोपितों के खिलाफ विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था ।