Patna: बिहार के बोध गया बम ब्लास्ट (Bodh Gaya Bomb Blast) मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के विशेष न्यायाधीश गुरविंद सिंह मल्होत्रा की अदालत ने शुक्रवार सजा सुनाई। इस मामले में आठ आरोपित दोषी करार दिए गये थे। इनमें तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है, जबकि पांच को 10 साल जेल की सजा मिली है।
इससे पूर्व 10 दिसंबर को आठ आरोपितों ने अदालत में आवेदन देकर गुनाह को कबूल किया था। इसके बाद अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था। एक अन्य अभियुक्त जहिदुल इस्लाम ने जुर्म कबूल नहीं किया है। इसलिए उस पर फैसला लंबित है।
एनआईए कोर्ट ने अहमद अली उर्फ कालू, पैगम्बर शेख और नूर आलम मोमिन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इनके अलावा दिलावर हुसैन, मुस्तफा रहमान उर्फ शाहिन उर्फ तुहिन, आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर्क उर्फ सैयद उर्फ अनस उर्फ आलमगीर शेख, मोहम्मद आदिल शेख उर्फ अब्दुल्लाह और अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख उर्फ इकबाल उर्फ फट्टू शेख को 10-10 साल जेल की सजा दी गई है।
बोधगया के महाबोधि मंदिर ब्लास्ट मामले में आठ आतंकियों ने निवेदन किया था कि इस मामले में वह लंबे समय से जेल में है। वे अपने परिवार, बच्चे, माता-पिता से काफी दिनों से मुलाकात नहीं कर पाए हैं। वह समाज में पुनः लौटना चाहते हैं। इसलिए उनके आवेदन को स्वीकार किया जाए। फिलहाल, सभी अभियुक्त राजधानी पटना के बेउर जेल में बंद हैं।
एनआईए ने 03 फरवरी, 2018 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में पहला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) कालचक्र मैदान के गेट नंबर पांच पर पाया गया था और इसे सुरक्षित करने के दौरान इसमें विस्फोट हो गया था। दो और आईईडी बाद में श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर चार की सीढ़ियों पर पाए गए थे।
एनआईए की जांच में पाया गया कि गणमान्य व्यक्तियों के दौरे से पहले दोषी व्यक्तियों ने बोधगया मंदिर परिसर में आईईडी लगाकर साजिश रची थी। बंग्लादेश के आतंकी संगठन जमाएल-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) के आतंकवादियों ने एक दूसरे से संपर्क किया था। एक साथ यात्रा की थी। साजिश रची थी और विस्फोटक खरीदे थे। पूरी योजना के बाद इन तीनों आईईडी को बोधगया मंदिर परिसर में प्लांट किया गया ।
वर्ष 2018 में तीन गिरफ्तार आरोपितों पी. शेख, अहमद अली और नूर आलम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और बाद में 2019 में छह और व्यक्तियों आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ कोरीम, मुस्तफिजुर रहमान, जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर और आरिफ हुसैन के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था।