Beijing: कर्ज के जाल (Debt-trap diplomacy) में कई देशों को फांसने के बाद चीन अब मध्य एशिया(Middle Asia)के दूसरे देशों को 50 करोड़ डॉलर सहायता के नाम पर चारा डालने की कोशिश कर रहा है। ताजा मामले में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को चीन के साथ राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ पर कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक सम्मेलन में यह दांव खेला। चीन ने इन पांच मध्य एशियाई देशों में आजीविका कार्यक्रमों के संचालन के लिए सहायता के तौर पर 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर देने की घोषणा की।
वर्चुअल सम्मेलन में शिनपिंग ने कहा कि मैं यह घोषणा करना चाहता हूं कि अगले तीन साल में, चीन की सरकार मध्य एशियाई देशों में आजीविका कार्यकम संचालित करने के लिए सहायता के तौर पर पचास करोड़ अमेरिकी डॉलर देगी।’ सभी पांच देशों की सीमाएं चीन से लगती हैं और वे आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य हैं, जिसका भारत भी एक हिस्सा है।
चीन इस तरह की मदद की पेशकश कर मध्य एशियाई देशों में अपनी पैठ मजबूत करने के साथ ताइवान डराने की कोशिश कर रहा है। चीन ने सोमवार को 39 लड़ाकू विमानों को ताइवान की ओर भेजा है। इस साल उसके द्वारा ताइवान की ओर भेजा गया लड़ाकू विमानों का यह सबसे बड़ा जत्था है। दूसरी तरफ वह पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों की तरह अधिक कर्ज देकर उन पर अधिक दबाव बनाना चाहता है।