गोरखपुर: वायरल बुखार आने से सतर्क हुए स्वास्थ्य विभाग ने पानी में मच्छरों के लार्वा की जांच का अभियान शुरू कर दिया है। पहले दिन हुए विभिन्न जलस्रोतों की हुई जांच में चौंकाने वाले परिणाम आये हैं।
रविवार को जांच रिपोर्ट से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि पहले दिन ट्रांसपोर्टनगर में 872 छोटे जलस्रोत की जांच हुई थी। इनमें कूलर, टायर, गमलों आदि की जांच की गय। 249 में मच्छरों के लार्वा मिले हैं। ऐसे लार्वा वाले स्थानों की सफाई के सम्बंध में 11 लोगों को नोटिस दी गयी है। अगर एक सप्ताह के भीतर इन लोगों ने साफ-सफाई नहीं की तो चालान की कार्रवाई होगी।
क्षेत्रीय कीट वैज्ञानिक डॉ. वीके श्रीवास्तव और जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह की अगुआई में टीम ने 74 स्थानों का निरीक्षण किया था। 11 स्थान व घर ऐसे निकले जहां पर मच्छरों के लार्वा मिले। इन सभी लोगों को कि साप्ताहिक तौर पर ऐसे स्थानों की सफाई करने की सलाह दी गई है। 121 लोगों को प्रचार-प्रसार की सामग्री वितरित की गयी।
दी गई सलाह
लोगों को बताया गया कि डेंगू का मच्छर छोटे जलस्रोत में साफ व ठहरे हुए पानी में पनपता हैं। अगर मच्छरों के लार्वा नष्ट कर दिये जाएं तो बीमारी से बचाव हो सकता है। लोगों को यह भी बताया गया कि किसी भी प्रकार का बुखार होने पर चिकित्सक की ही सलाह से दवा लेनी है।
इस मौसम में छोटे जलस्रोतों में पानी इकट्ठा न होना चाहिए। मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बाॅह के कपड़े पहनना आवश्यक है। मच्छर अगरबत्ती का भी प्रयोग किया जा सकता है। छोटे बच्चों, डायबिटिक व हृदय के रोगियों को खासतौर पर मच्छरों से बचाएं, क्योंकि ऐसे लोगों को डेंगू होने पर जटिलताएं बढ़ जाती हैं।
बोले मलेरिया अधिकारी
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि नगर निगम को सम्बंधित क्षेत्र के बारे में सूचित किया गया है। इन स्थानों पर एंटीलार्वल का छिड़काव कराने को कहा गया है। ऐसे क्षेत्रों में साप्ताहिक आधार पर फॉगिंग कराने को भी सलाह दिया गया है।