नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। सबसे ज्यादा मामले केरल में दर्ज किये जा रहे हैं। पिछले कई दिनों से केरल में कोरोना के मामले काफी बढ़े हैं। वहीं दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। इन दो राज्यों ने केंद्र की चिंता बढ़ा दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार सुबह यह जानकारी दी गई कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के 47,092 नये मामले सामने आये हैं। जिसके बाद संक्रमण की चपेट में अब तक आये लोगों की संख्या बढ़कर 3,28,57,937 हो गई है। वहीं, इलाज करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर अब 3,89,583 हो गई है।
मंत्रालय के अनुसार, संक्रमण से 509 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,39,529 हो गई। सिर्फ केरल में बुधवार को 32,803 नये मामले दर्ज किये गये, जबकि 173 और लोगों की मौत हो गयी। बढ़ते कोरोना मामले से स्वास्थ्य मंत्रालय चिंतित है। मंत्रालय की ओर से राज्यों को एक बार फिर सख्त कोविड नियमों का पालन करने के लिए निर्देश जारी करने का काम किया गया है।
इस बीच कोरोना महामारी के मामले पिछले दिनों कम होने के बाद करीब डेढ़ साल बाद देश में धीरे-धीरे स्कूल खुलना शुरू हुए थे। लेकिन 12 राज्यों में स्कूल खुलने के बाद से बच्चों में कोरोना की संक्रमण दर भी बढ़ती नजर आ रही है। छह राज्य ऐसे हैं जहां संक्रमित बच्चों की संख्या में एक फीसदी से भी अधिक बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई है। 17 वर्ष तक की आयु के बच्चों में कुछ स्थानों पर संक्रमण दर में बढ़ोतरी हुई है. पंजाब, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में यह बढ़ोतरी एक फीसदी से ज्यादा है। वहीं महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में संक्रमण दर कम भी हुई है। इन राज्यों में स्कूल खोलने से फिलहाल कोई असर नहीं नजर आ रहा है।
इधर आगामी तीसरी लहर और बच्चों को लेकर कई तरह की खबरें आ रहीं थीं लेकिन विशेषज्ञों ने इन्हें बेबुनियाद बताया था। विशेषज्ञों का कहना है कि मासूम बच्चों में कोरोना का खतरा कम है क्योंकि इनकी प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत मजबूत होती है। इसलिए स्कूल खोले जाने की सलाह देने का काम किया गया था।
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में सभी बच्चों को वैक्सीन देने में नौ महीने तक का वक्त लगेगा, ऐसे में लंबे समय तक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना सही नहीं है। बच्चों के विकास के लिए स्कूल खुलना जरूरी है। उन जगहों पर स्कूल खुल सकते हैं जहां पर कोरोना के मामले कम पाये जा रहे हैं। सभी बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ने की सुविधा उपलब्ध नहीं होती और ना ही वह माहौल रहता है, ऐसे में स्कूल खोलना बहुत ही जरूरी है।
जबकि, मेदांता अस्पताल के प्रमुख डॉ. नरेश त्रेहान सहित कुछ विशेषज्ञों की मानें तो स्कूलों को शुरू करने के मामले में फिलहाल इंतजार करना चाहिए। क्योंकि अभी तक देश में बच्चों का कोरोना वैक्सीन शुरू भी नहीं हुआ है।