
Deoghar: बाबाधाम में इस साल भी केसरिया सैलाब नहीं उमड़ेगा। पिछले साल की तरह भोलेनाथ के दरबार में इस साल भी रौनक फीकी रहेगी। भक्तों को रोकने के लिए महादेव के दर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।

आज गुरुपूर्णिमा है और 25 जुलाई से पवित्र सावन के महीने की शुरुआत हो रही है। सावन के पहले पक्ष में द्वितीया तिथि की हानि और सप्तमी तिथि का लाभ है लिहाज़ा, 15 दिनों के इस पक्ष में 26 जुलाई को पहली सोमवारी का व्रत है। लेकिन, महादेव के भक्तों को मंदिर आने की इजाज़त नहीं है। इस बार सावन के महीने में चार सोमवारी पड़ेंगे। पहली 26 जुलाई, दूसरी 2 अगस्त, तीसरी 9 अगस्त के साथ ही अंतिम और चौथी सोमवारी 16 अगस्त को पड़ेगी।
इसी बीच चार अगस्त को कामदा एकादशी व्रत, 8 अगस्त को स्नान-दान और श्राद्ध अमावस्या, 9 को प्रतिपदा, 11 अगस्त को मधुश्रावणी व्रत का समापन, 13 अगस्त को नागपंचमी, 18 को झूलन यात्रा के साथ ही एकादशी भी है। इतना ही नहीं 21 अगस्त को व्रत पूर्णिमा और 22 अगस्त को स्नान-दान की पूर्णिमा के साथ ही रक्षाबंधन का त्यौहार भी है। लेकिन, आस्था के इन तमाम त्योहारों के बीच भोलेनाथ के दर्शन नहीं हो सकेंगे।
कोविड संक्रमण की वजह से सरकार ने बाबाधाम समेत अन्य धार्मिक स्थलों को बंद रखने का फैसला लिया है। लिहाज़ा, सरकारी हुक्मरानों ने आदेश को तामील करने के लिए मुक्कमल इंतज़ाम भी किये हैं। बाबामन्दिर के सभी प्रवेश द्वार पर बैरिकेडिंग के साथ ही पुलिस की तैनाती कर दी गई है। बाबा मंदिर के आस पास और रूट लाईन में चौबीसों घँटे उड़नदस्ता टीम को तैनात किया गया है। बाबाधाम में श्रद्धालुओं के प्रवेश को रोकने के लिए फोर्स और मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। साथ ही, सावन के महीने में बाबा मंदिर में पूर्णतः प्रवेश बंद कर दिए गए हैं।