जामा।
झारखंड का जामा विधानसभा हमेशा से चुनाव में काफी सुर्खियों में रहा। यह सीट झामुमो का पारंपरिक सीट रहा है। पहले शिबू सोरेन के पुत्र दुर्गा सोरेन यहां से विधायक हुआ करते थे। दुर्गा सोरेन के देहांत के बाद उनकी पत्नी सीता सोरेन यहां की सीट को बरकरार रखे हुए हैं। बीच मे 2005 के चुनाव में भाजपा के सुनील सोरेन ने यह सीट 6630 वोट से जीता था। हर चुनाव में यहां भाजपा और झामुमो ही टक्कर में रहा है। इस बार आजसू जिस हैसियत से मैदान में आयी है वो भाजपा और झामुमो दोनों के लिए घातक है।
आजसू की स्टेफी मुर्मू वर्ष 2013 से इस इलाके में मैदान तैयार कर रही है। सोशल मीडिया में भी समय समय पर नए नए रंग में रहकर खूब सुर्खियां बटोर रही। इस बार अन्य चुनावों के माफिक स्थिति नही है. भाजपा और झामुमो के सामने आज आजसू बड़ी चुनौति बनकर खड़ी है। इसलिए इस चुनौती को पाटकर ही यहां चुनाव जीता जा सकता है। फैसला जनता 20 दिसम्बर को करेगी।