धनबाद।
धनबाद में एक युवक का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वह कमर में माउजर खोंसे हुए है और टेलीस्कोपिक राइफल से हवा में गोलियां दाग रहा है.
कानून उस युवक को टेलीस्कोपिक राइफल से गोलियां दागने की इजाजत नहीं देता. ऊंची दीवारों से घिरे घर के आंगन में वह टेलीस्कोपिक राइफल से हवा में गोलियां दागता है. कोई उसका वीडियो बना रहा है. हवा में युवक जैसे ही राइफल से गोलियां दागता है, धोती कुर्ता पहने एक 50-55 साल के डील-डॉल वाला व्यक्ति एक तरफ से युवक के पास आता है.
शहर के मुख्य इलाके का ही है वीडियो:
यह वाक्य संभवतः दीपावली के दिन का है. वीडियो में अगल-बगल के घरों में विद्युत लट्टुओं की सजावट दिख रही है. अगल-बगल के घर की बनावट सरकारी क्वार्टरों की तरह दिख रही है. तस्वीर शहर के ही मुख्य इलाके की प्रतीत हो रही है. यह वीडियो इंस्ट्राग्राम पर लोड किया गया है. पोस्ट करनेवाले के नाम की जगह मशहूर फिल्म शोले के किरदार गब्बर सिंह के डायलाग का अंश है…कुछ नहीं पता. इसके नीचे इन कोल कैपिटल धनबाद लिखा है.
पुलिस-प्रशासन को खुली चुनौती:
यह वीडियो कुछ ही सेकेंड का है, पर धनबाद के प्रशासन के लिए खुली चुनौती है. अगर, युवक लाइसेंसी राइफल से ही हवा में गोलियां चला रहा तो क्या कानून उसे ऐसा करने की इजाजत देता है? युवक राइफल से फायरिंग करते हुए कमर में माऊजर खोसे हुए है, क्या यह भी लाइसेंसी है? वह कौन है जिसे प्रशासन ने टेलीस्कोपिक राइफल और माऊजर का लाइसेंस एक साथ दिया है? ऐसा कौन अत्याधिक असुरक्षित व्यक्ति है? अगर इन आग्नेयास्त्रों का लाइसेंस भी है तो स्पष्ट है कि यह गोलियां दाग रहे युवक के नाम से नहीं ही होगा. फिर, गोलियां दागते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना प्रशासन को खुली चुनौती है. यह सोशल मीडिया के मार्फत धनबाद में दहशत फैलाने की कोशिश है. वीडियो देखकर कोई भी कह सकता है कि जिस व्यक्ति ने इसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया है, उसे पुलिस प्रशासन और कानून की जरा भी परवाह नहीं. पुलिस ने अगर इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने पर सार्थक कार्रवाई नहीं की तो इस बात की आशंका है कि सोशल मीडिया इस तरह समाज और शहर में दहशत फैलाने का माध्यम बन जाएगा.