रिपोर्ट:विपिन कुमार
धनबाद:
कहते है कि रिश्ते ऊपर वाले से ही बनकर आते है.धनबाद के रजिस्ट्री ऑफिस में उसका जीता जागता उदाहरण सामने आया. जहाँ एक युवक युवती जिन्होंने अपनी दोनों आँखे खो दी है.एक दूजे के हो गए.इन्होंने एक दूसरे के साथ कोर्ट मैरेज कर अपने आगे की जिंदगी की नई शुरुआत की.
क्या है पूरा मामला:-
धनबाद के सरायढेला न्यू कॉलोनी निवासी रामनंदन गुप्ता का 30 वर्षीय पुत्र सुरेंद्र गुप्ता एवं जामताड़ा के चंदा कुमारी के साथ कोर्ट मैरेज हुआ. सुरेंद्र गुप्ता जो की बचपन से ही अंधे है जबकि चंदा आँखों में इन्फेक्शन के कारण वर्ष 2009 में अपनी आँखे खो दी थी. चंदा 12वी पास है जबकि सुरेंद्र बीए की पढ़ाई पूरी कर पिछले चार सालों से दिल्ली नोयडा में सॉफ्टवेयर इंजिनियर की भूमिका में सेवा दे रहे है. आश्चर्य की बात है कि आँखे नहीं होने के बाद भी सुरेंद्र एक कुशल सॉफ्टवेयर इंजिनियर की भूमिका में है. उन्होंने बताया कि ऑडियो के माध्यम से वे कार्य करते है. सुरेंद्र की यह आत्म निर्भरता उनके जैसे अन्य लोगो को भी प्रेरणा देती है.
सुरेंद्र ने कहा कि किसी भी दिब्यांग को जिंदगी से हार नही मानना चाहिये. हौसले और हिम्मत के आगे बढे तो कामयाबी जरूर मिलेगी. वही चंदा बेहतर जीवन साथी मिल जाने के कारनकाफी खुश नज़र आई.