Deoghar: दो साल पहले कोविड संक्रमण के उस दौर में ज़ब पूरा देश अपनी सांसों की हिफाजत में जुटा था, तब..आठवीं का एक छात्र हाथ में कलम और जहन में कामयाबी का इरादा लिए कागज के पन्नो पर अपनी कामयाबी की इबारत गढ़ रहा था… और दो साल बाद आज उसकी आँखों में कामयाबी की चमक है और घरवालों के चेहरे पर मुस्कान… क्यूंकि, महज 16 साल की उम्र में किताब लिखने वाले देवघर के उस बालक का नाम आज इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।
सिटी ऑफ़ गार्डन एंड वेल्थ नाम की किताब लिखने वाले इस छात्र का नाम मयंक कुमार है। मयंक की यह पुस्तक आज देवघर के अलावा…. तमाम ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफार्म पर भी मौजूद है। छोटी सी उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाला मयंक ने अभी दसवीं का इम्तहान दिया है। लेकिन, अपने इरादों को मंज़िल देने की ख्वाहिश और उसे पूरा करने की कश्मकश वाला इम्तहान तो इसने साल 2021 में ही पास कर लिया था। ज़ब पूरी दुनिया कोविड के कहर से कराह रही थी… तब मयंक अपनी मंजिल को तय करने की जद्दोजहद में जुटा था।
आज मयंक के चेहरे पर मुस्कान है…. और माता -पिता की आँखों में चमक। बेटे की सफलता से पूरा परिवार खुश है… तभी तो, मयंक की कामयाबी के पीछे का राज बताते माँ तो भावुक हो जाती हैं। लेकिन, पिता गर्व से फूले नहीं समा रहें।
मयंक की माने तो, यह अभी बस शुरुआत है.. ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अबतक मयंक की पचास से अधिक किताबों की बिक्री हो चुकी है… और अब मयंक को रॉयलिटी भी मिलनी शुरु हो जाएगी।
मयंक बताते हैं कि, किताब से होने वाले मुनाफे को वह अपनी पढ़ाई में खर्च करेंगे और आने वाले समय में कुछ और बेहतर किताब भी लिखेंगे… बहरहाल, अपनी किताब से अपनी खुद की पहचान बनाने वाले छात्र मयंक नें न सिर्फ अपनी उम्र के बच्चोँ के लिए बल्कि, उन तमाम लोगों के लिए एक नज़ीर तो ज़रूर पेश की है जो, खाली समय में रचनात्मक काम को छोड़ दूसरे कामों में वक्त ज़ाया करते हैं।