देवीपुर (देवघर): अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) देवघर को 237 एकड़ जमीन देने वाले रामपुर, सुल्तानपुर के किसान बदहाली में जीवन जीने के लिए विवश हैं। एम्स की चारदीवारी बनने के साथ रामपुर, सुल्तानपुर और बलथर आने-जाने के लिए सरकारी सड़क बंद हो गया है।
ग्रामीणों ने उस वक़्त सड़क घेरने का कड़ा विरोध किया था। इसके लिए कई बार जिला प्रशासन और रैयतों के बीच हिंसक झड़प होते होते बची थी। अन्तत: जिला प्रशासन,एम्स प्रशासन और रैयतों के बीच समझौता हुआ कि एम्स के चारदिवारी के उत्तरी भाग में रामसागर से सटे सुल्तानपुर होते हुए रामपुर गांव तक सड़क निर्माण के लिए एम्स की जमीन में से चारदिवारी से सटे 30 फीट जमीन सड़क के लिए छोड़ा जायेगा। जिला प्रशासन और झारखंड सरकार ने रामपुर और सुल्तानपुर के ग्रामीणों को भरोसा दिलाया था कि पक्की सड़क निर्माण कराकर यातायात बहाल किया जायेगा। रघुवर दास के कार्यकाल में सड़क निर्माण कराने के लिए पथ निर्माण विभाग ने निविदा भी निकाली थी, लेकिन गलत प्राक्कलन तैयार करने की वजह से निविदा निरस्त कर दिया गया।
अब सरकार बदलने के साथ ही एम्स के लिए बनने वाले कई सड़कों का काम बंद हो गया। इस बीच कोविड संक्रमण के कारण भी काम प्रभावित हुआ। आखिरकार, रामपुर सुल्तानपुर के रास्ते में यातायात बाधित हो गया है। वाहनों का परिचालन बंद है। लोग जलजमाव के कारण पैदल भी नहीं चल पा रहे हैं।
ग्रामीण कहते हैं एम्स के लिए जमीन देना हमलोगों के लिए अभिशाप बन गया। जमीन तो चली गई अब आने-जाने का रास्ता भी बंद हो गया है। ग्रामीणों ने हेमंत सरकार से पक्की सड़क निर्माण की गुहार लगाई है।