spot_img

भटके बच्चों को बाल संप्रेषण गृह ने दिखाई नई राह, मैट्रिक परीक्षा में मिली शानदार कामयाबी

Ranchi: कच्ची उम्र में भटक कर अपराध की राह पर चल पड़े किशोरों को सही मार्गदर्शन मिला तो उन्होंने कमाल कर दिया। झारखंड के गुमला, लोहरदगा और पलामू जिले के संप्रेषण गृहों में रहे डेढ़ दर्जन किशोरों ने मैट्रिक की परीक्षा में कमाल की कामयाबी हासिल की है। इनमें से कइयों ने फस्र्ट डिविजन हासिल किया है। परीक्षा में कामयाब होनेवाले बच्चे अब पढ़-लिखकर डॉक्टर-इंजीनियर तथा सरकारी सेवाओं में जाने का सपना देख रहे हैं। झारखंड मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा का रिजल्ट दो दिन पहले जारी किया गया है।

सबसे बेहतर प्रदर्शन गुमला जिला स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में बंद किशोरों ने किया है। यहां नौ को फस्र्ट डिविजन में सफलता मिली है। कुछ ने 70 प्रतिशत तक अंक हासिल किए हैं। गुमला संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक अविनाश गिरि ने बताया कि सभी किशोरों की पढ़ाई संप्रेक्षण गृह में ही हुई है। इसके लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी।

उपायुक्त सुशांत गौरव, उप विकास आयुक्त हेमंत सती , जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा ने स्वयं बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था में दिलचस्पी ली। इन बच्चों ने पुलिस कस्टडी में परीक्षा दी। उन्होंने बताया कि इस बार 8 वीं से 12 तक में कुल 33 किशोरों ने परीक्षा दी है। बाकी का परिणाम आना बाकी है। शिक्षकों के अनुसार, इनके भी बेहतर रिजल्ट की उम्मीद की जा रही है। सभी परीक्षाओं के रिजल्ट सामने आने के बाद उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। लोहरदगा और पलामू के संप्रेक्षण गृह में भी रह रहे आधा दर्जन किशोरों ने परीक्षा में सफलता पाई है। इन बच्चों की सफलता से उनके घरवाले भी खुश हैं।

(IANS)

Leave a Reply

Hot Topics

Related Articles

Don`t copy text!