Deoghar: फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैम्बर के आह्वान पर 8 फरवरी को देवघर जिले के सभी थोक एवं खुदरा खाद्यान्न दुकानें बंद रही। साथ में चावल और अन्य खाद्य पदार्थों की मिलें भी बंद रही।
संप चैम्बर के अध्यक्ष आलोक मल्लिक ने जानकारी देते हुए बताया कि व्यापारियों से धोखा कर झारखण्ड सरकार के कृषि बिल लाने पर पूरे राज्य के खाद्य वस्तुओं के व्यापारियों में गहरा असंतोष है और आंदोलन का रुख ले चुका है।इसी कड़ी में बुधवार को सभी खाद्यान्न व्यवसाय को बन्द रखते हुए सभी जिलों से व्यापारी रांची में जुट रहे हैं और राज्य स्तरीय विशाल सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में ही उक्त विधेयक और लागू होने वाले बाजार समिति शुल्क के पुरजोर विरोध की रणनीति तय की जाएगी। देवघर से भी डेलीगेट राज्य स्तरीय सम्मेलन में भाग लेने सुबह रांची निकल गए हैं।
बताया कि इस विधेयक को किसी भी सूरत में व्यापारी लागू नहीं होने देने के लिए कृतसंकल्पित है। क्योंकि इसके लागू हो जाने से झारखण्ड के खाद्य वस्तुओं और कृषि उपज के व्यापारियों के लिए जीवन-मरण के सवाल पैदा हो रहे हैं। पड़ोसी राज्यों में यह अतिरिक्त शुल्क नहीं रहने के कारण झारखण्ड के व्यापारियों के लागत बढ़ने के कारण मूल्य वृद्धि होगी और व्यापारियों को दूसरे राज्यों में पलायन की भी नौबत आ सकती है।
देवघर के सभी व्यावसायिक संगठन इस मुद्दे पर गोलबंद होकर एक नेतृत्व में आन्दोलन जारी रखने का निर्णय ले चुके हैं।