Madhupur (Deoghar): स्वयंसेवी संस्था प्रेरणा भारती के प्रयास से मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के कानो, बरमसिया गांव की कथित तौर पर दिल्ली में बेची गयी 30 वर्षीय युवती सकुशल घर वापस लौट आई है। जिससे परिजनों में ख़ुशी का माहौल है।
इस संबंध में गत 23 सितंबर को मारगोमुंडा प्रखंड के बीपीओ सुनील मुर्मू द्वारा प्रेरणा भारती के श्रमिक सूचना केंद्र को जानकारी दी गई थी कि कानो पंचायत के बरमसिया गांव निवासी एक युवती को 11 माह पूर्व दिल्ली में बेच दिया गया है। जिसको लेकर लड़की के पिता द्वारा 20 सितंबर को थाना में एक आवेदन भी दिया गया था। घटना की जानकारी पाकर प्रेरणा भारती सक्रिय हो उठी।
श्रमिक सूचना केंद्र के अरुण निर्झर व रिबिका मुर्मू ने मामले को गति प्रदान करते हुए मारगोमुण्डा थाना प्रभारी व युवती के पिता से मिले। युवती के पिता ने बताया कि संजय नाम का एक व्यक्ति उनकी बेटी को रोजगार दिलाने का बहाना बनाकर दिल्ली ले गया है और दिल्ली के किसी ऑफिस में 40 से 50 हजार में बेच दिया है। तकरीबन 3 माह पूर्व उनकी लड़की ने किसी दूसरे के मोबाइल से रो-रो कर बताया कि वह गली नंबर-5,मकान नंबर-6,प्रथम तल्ला,पंजाबी बाग,न्यू दिल्ली में फंसी हुई है। जहां उसे नौकरानी बनाकर रखा गया है। मेरी लड़की घर आने के लिए परेशान है।
पिता से इतनी जानकारी प्राप्त होते ही संस्था सचिव अंजनी ने गत 23 सितंबर को दिल्ली में पदस्थापित झारखंड रेस्क्यू ऑफिसर नचिकेता से संपर्क कर मामले की जानकारी दी। नचिकेता 25 सितंबर को दिल्ली महिला आयोग की मदद से रेस्क्यू के लिए उस पते पर पहुंचीं। घर ढूंढकर पूरी छानबीन की लेकिन युवती का कहीं पता नहीं चला। इसके बाद रेस्क्यू टीम और महिला आयोग द्वारा अपने स्तर से लापता कह कर युवती का पोस्टर उस एरिया की दीवारों पर चिपकवाया। इस बीच 9 अक्टूबर को युवती अचानक अपने घर सकुशल वापस लौट आई।
घर वापस लौटी युवती ने बताया कि उसकी शादी जामताड़ा जिला अंतर्गत करमाटांड़ थाना के गुनीडीहमें हुई है। उसके 4 से 10 वर्ष तक के तीन बच्चे हैं। पति के साथ रिश्तो में खटास होने के कारण वह उससे कोई संबंध नहीं रखती। अपने पिता की परेशानियों को देखते हुए वह मायके में ही रह कर वह दिहाड़ी मजदूरी करती थी। इसी बीच गांव के ही पंडरा हांसदा की पत्नी से संजय के बारे में जानकारी मिली,जो उसे काम दिलाने के नाम पर दिल्ली ले गया था। दिल्ली में मेरे नाम से पोस्टर आदि लग जाने के कारण जहां मुझे रखा गया था उन लोगों ने डर से दुमका के एक व्यक्ति के साथ उसे घर वापस भेज दिया।