Ranchi: धनबाद के बहुचर्चित जज उत्तम आनंद हत्याकांड (Dhanbad’s famous judge Uttam Anand murder case) में दो अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा के बाद भी सीबीआई अपनी जांच जारी रखने के लिए इंटरपोल (Interpol) की मदद लेना चाहती है। इसके लिए उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी है। सीबीआई ने शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट को यह जानकारी दी।
सीबीआई की ओर से कहा गया कि हत्या का उद्देश्य और षडयंत्रकारियों का पता लगाने के लिए अनुसंधान किया जा रहा है। इसमें कुछ नए पहलुओं पर भी जांच की जरूरत पाई गई है। इस तरह के मामले में अनुसंधान के नये तरीकों पर भी काम किया जा रहा है और इसके लिए इंटरपोल से मदद लेने की योजना बनाई गई है। सीबीआई ने इस मामले में अब तक की प्रगति रिपोर्ट भी सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपी।
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ शुरू से ही इस मामले की मॉनिटरिंग कर रही है। सीबीआई ने पिछली सुनवाई में इस खंडपीठ के समक्ष केरल हाई कोर्ट के जजमेंट का हवाला देते हुए बताया था कि कुछ नए तथ्य आने के बाद ट्रायल पूरा हो जाने के बावजूद किसी मामले में सीबीआई की ओर से अनुसंधान जारी रखा जा सकता है।
गौरतलब है कि धनबाद में अपर डिस्ट्रिक्ट जज के रूप में पदस्थापित रहे उत्तम आनंद की हत्या 28 जुलाई 2021 को हुई थी। वह धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास मॉनिर्ंग वॉक कर रहे थे, तभी एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी।
सीबीआई की जांच में सामने आया कि ऑटो चला रहे लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा ने इरादतन टक्कर मारकर उनकी हत्या की थी। इन दोनों को धनबाद सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने बीते छह अगस्त को उम्र कैद की सजा सुनाई है। सीबीआई की जांच रिपोर्ट और चार्जशीट में इस प्रश्न का स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया है कि उनकी हत्या के पीछे का मकसद क्या था?(IANS)