Gumla: जिले के डुमरी ब्लॉक अंतर्गत रतासिली गांव में बीते 12 वर्षों में एक ही परिवार के दर्जन भर लोग लकवा का शिकार हो चुके हैं। वहीं, अब तक सात लोगों की इस बीमारी से मौत भी हो चुकी है। जबकि पांच लोग अभी भी इस बीमारी से ग्रसित हैं। इस गांव की आबादी करीब एक हजार है। वहां 180 परिवार के लोग निवास करते हैं।
जिनमें सिर्फ कंवर परिवार की कुल आबादी लगभग 150 है जिसमें 35 परिवार के लोग रहते हैं। बुधवार को इसी परिवार की एक सदस्या ललिता देवी (35 ) की लकवे के कारण मौत हो गई थी। वह रोटी बनाने के लिए सिलवट में चावल पीस रही थी, तभी अचानक बेहोश हो गई। इसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए रांची ले जा रहे थे।
रास्ते में ही तबीयत अधिक बिगड़ जाने के कारण परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चैनपुर ले गये, जहां जांच के बाद चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सक ने ब्रेन हैमरेज और पैरालाईसिस की वजह से उनके मौत की बात कही।
मृतका के पति विजय कंवर भी लगभग एक दशक से इसी बीमारी से जूझ रहे हैं। परिजनों के अनुसार शुरुआती दौर में इनका इलाज कराया गया था। मगर अधिक लाभ नहीं हुआ और अभी भी यह परिवार स्वास्थ्य़ संबंधी गंभीर समस्या से जूझ रहा हैं। मृतका के ससुर भूलन कंवर ने बताया कि बीते 12 वर्षों में मेरे परिवार के सात व्यक्तियों की मौत लकवा बीमारी के कारण हो चुकी है।
मरने वालों में पिता महादेव कंवर (80), पुत्र बादल कंवर (18) , पत्नी मुन्नी देवी (75) , चचेरा भाई लखराम कंवर (45) , चचेरा भाई लखसाय कंवर (67) , भौजाई रौनिया देवी (64) और बहू ललिता देवी (35) के नाम शामिल हैं। जबकि स्व. महादेव कंवर का पुत्र विजय कंवर (40), पुतोह लुकईर देवी (60) , भतीजा संजय कंवर (42) का नाम उल्लेखनीय है। 65 वर्षीय भुलन कंवर स्वयं भी इस बीमारी से ग्रसित हैं।
इन्होंने सिलसिलेवार ढंग से लकवा के कारण हो रही मौत को लेकर चिंता जताते हुए प्रशासन से मेडिकल जांच और आर्थिक सहयोग तथा राशन कार्ड बनवाने की गुहार लगाई है। वहीं कई लोग इस बीमारी को वंशानुगत होने वाली बीमारी भी बता रहे हैं। रतासिली ग्राम में ग्रामीणों के अनुसार पिछले 12 वर्षों में लगभग 15 लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें से अकेले इस पीड़ित कंवर परिवार के ही 7 लोग शामिल हैं।
खेतली पंचायत के उप मुखिया जवाहर कंवर ने बताया कि जिस तरह मृतक के परिवार में लकवा बीमारी से घटना का क्रम सिलसिलेवार चल रहा है, वह अत्यंत ही चिंताजनक है। इससे परिजनों के साथ ग्रामीण भी भयभीत हैं। इस तरह की घटना को देखते हुए यथाशीघ्र मेडिकल टीम से जांच कराने की आवश्यकता है। साथ ही पीड़ित परिवार की स्थिति का अवलोकन कर सरकार से आर्थिक मदद एवं सरकारी योजनाओं के लाभ की अपेक्षा है। इसके लिए वे भी अपने स्तर से वरीय पदाधिकारियों से बात करेंगे।