Deoghar: त्रिकूट रोपवे हादसे (trikut ropeway accident) के करीब 80 दिन बाद उच्च स्तरीय जांच टीम देवघर पहुंची। टीम त्रिकूट पर्वत गयी और हादसे से जुड़े हर पहलुओं को बारीकी से समझने की कोशिश की। टीम ने अपनी जांच के दौरान रोप-वे संचालन के पूरे रूट को देखा। जाँच टीम पहाड़ पर भी गयी। टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद हादसे में फंसे लोगों से बातचीत की। इसके अलावा कर्मचारियों, रोप-वे संचालित करने वाले एजेंसी के प्रतिनिधि,स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए। जाँच के घटनास्थल की वीडियोग्राफी भी कराई गई है।
जाँच कमेटी ने यह समझने की कोशिश की कि रोप-वे पर हादसा किन वजहों से हुआ और भविष्य में कैसी दुरुस्त व्यवस्था की जाये कि रोप-वे का सुरक्षित संचालन किया जा सके। टीम में शामिल पदाधिकारी ने बताया कि जाँच के दौरान हर चीज़ को बारीकी से देखा गया है। टूटे हुए तार से लेकर नीचे गिरे हुए केबिन , सभी की जाँच की गयी है। साथ में मौजूद विशेषज्ञ टीम ने पूरी तरीके से जाँच की। सभी ऊपर भी गए थे।
पदाधिकारी ने कहा कि कुछ मैटेरियल्स की जाँच कराने की आवश्यकता है। जिसे विशेषज्ञ टीम द्वारा
पदाधिकारी ने कहा कि हादसे की वजह को पूरी तरह से समझने के लिए कुछ मेटेरियल्स के जाँच की आवश्यकता है। विशेषज्ञ टीम द्वारा मेटेरियल्स जाँच के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा। वहीं, रोपवे की शुरुआत को लेकर टीम का कहना है कि तत्काल मुश्किल है। अभी जाँच की शुरुआत हुई है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट रूप से इसपर कुछ कहा जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि अन्य जगहों पर संचालित रोपवे के सिस्टम को समझ भविष्य में दुरुस्त व्यवस्था के साथ-साथ किसी भी तरह की अनहोनी से तुरंत निपटने की व्यवस्था भी करते हुए रोप-वे का सुरक्षित संचालन करने की कोशिश होगी।
जाँच कमेटी में ये हैं शामिल
जांच कमेटी का नेतृत्व वित्त सचिव अजय कुमार सिंह कर रहे हैं। इसमें पर्यटन सचिव अमिताभ कौशल, पर्यटन निदेशक राहुल कुमार सिन्हा, डायरेक्टर ऑफ माइंस एंड सेफ्टी रत्नाकर शुंकी और एडवाइजर रोप-वे नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड एन.सी श्रीवास्तव शामिल हैं।
10 अप्रैल को हुआ था हादसा
जानकारी हो कि 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन त्रिकूट रोपवे पर हादसा हुआ था। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। करीब 44 घंटे से अधिक समय तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था। 46 लोगों को सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिया गया था। राज्य सरकार ने हादसे की जांच के लिए 19 अप्रैल को अधिसूचना जारी कर जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी को दो महीना में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। हादसे के करीब तीन माह होने को है तब कमेटी जाँच के लिए मौके पर पहुंची।