Ranchi: ऊपर लिखे हेडलाइंस (कचरे में मोबाइल या मोबाइल में कचरा?) को पढ़ आप जरूर ये सोच रहे होंगे कि भई ये कचरे और मोबाइल का क्या माजरा है। तो आपको बता देते हैं कि इस कचरे और कचरे में मोबाइल का कनेक्शन झारखंड की उसी सियासी हलचल से जुड़ी है जो इन दिनों हड़कंप मचाये हुए है।
कचरे में मोबाइल या मोबाइल में कचरा? ये लाइन ट्वीट किया है गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने। अब ट्वीट करते ही लोग कमेंट कर सवाल कर रहे। दरअसल, इस लाइन का कनेक्शन ED के छापे से है। जो आज सुबह से झारखंड में चल रही है। निलंबित आईएएस पूजा सिंघल प्रकरण में साहेबगंज के डीएमओ विभूति कुमार से मिले इनपुट के बाद आज सुबह से ईडी बड़ी कार्रवाई में जुटी हुई है।
रांची में विशाल चौधरी के ठिकानों पर भी रेड चल रही है। मोबाइल का कनेक्शन यही से है। सूत्रों से जानकारी मिल रही है ED की छापेमारी के दौरान विशाल चौधरी ने अपने मोबाइल को मोहल्ले के कचरे भरे डब्बे में फेंक दिया। अब ED की टीम मोबाइल देर तक ढूंढती रही। काफी देर बाद मोबाइल कचरे के डब्बे से बंद किया गया। तो सारे लेखा-जोखा मिल गए।
सूत्र बताते हैं कि कचरे के डब्बे से बरामद विशाल चौधरी के मोबाइल से अहम जानकारियां ईडी को मिली है। कितने पैसे कहां, किसे, क्यों और किस एवज में दिए गए ऐसी तमाम जानकारियां मोबाइल में मौजूद हैं । अब ईडी तमाम जानकारियों को इकठ्ठा कर आगे की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
जिसके बाद ही डॉ. निशिकांत ने ट्वीट किया है कि कचरे में मोबाइल या मोबाइल में कचरा?
बता दें कि विशाल चौधरी के अशोक नगर गेट नंबर छह स्थित आवास पर ईडी की टीम जमी हुई है। चौधरी कौशल विकास से जुड़े बताए जा रहे हैं। चौधरी राज्य के एक वरिष्ठतम अधिकारी जो फिलहाल सत्ता के काफी करीब हैं, उनके करीबी बताए जा रहे हैं। चौधरी के आवास पर ईडी के वरिष्ठ अधिकारी लगातार पहुंच रहे हैं।