Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ माइनिंग लीज आवंटन और शेल कंपनी से जुड़े मामले और आइएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के बाद से राज्य की सियासत गर्म है। हर प्लेटफार्म पर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे के खिलाफ हमलावर हैं।
भाजपा नेताओं ने बुधवार को भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) पर जमकर निशाना साधा। निशिकांत दुबे ने मुख्यमंत्री आवास और उनके कार्यालय को निशाने पर लिया। महेश पोद्दार ने कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल की ईडी मामले में एंट्री को लेकर राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया। बाबूलाल मरांडी ने राज्य में लगातार जारी अवैध माइनिंग का मसला उठाया।
निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट में लिखा है कि “झारखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय और आवास पर कार्यरत कुछ कर्मचारियों के पास दो-दो मोबाइल हैं यानी अधिकृत और अनाधिकृत मोबाइल उनके पास हैं।”
उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा है कि “पूजा सिंघल के मोबाइल से मुख्यमंत्री के माइनिंग लीज़ का ड्राफ़्ट बरामद हुआ। इसका मतलब यह कि पूजा सिंघल ने ही मुख्यमंत्री को माइन्स दिया।”
सांसद महेश पोद्दार ने पूजा सिंघल प्रकरण पर लिखा है कि “जांच भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रही है। जिस तरह नामचीन वकीलों की फौज बुलायी जा रही, जांच के हर बढ़ते कदम का विरोध किया जा रहा, क्या राज्य सरकार ईडी की जांच को रोकने की कोशिश करेगी?”
बाबूलाल मरांडी ने अवैध माइनिंग और काली कमाई पर लगातार ट्वीट किये हैं। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री जी, आंख-कान खोलिये, सुनिये, देखिये। ये मेरी नहीं युवाओं की आवाज़ है।