Deoghar/New Delhi: देवघर जिले में जलसंकट के समाधान (Solution of water crisis in Deoghar district) को लेकर पूर्व और वर्तमान सरकार की गम्भीरता पर सवालिया निशान लग गया है। और सवाल कहीं और से नहीं बल्कि, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री (Union Minister of Water Power) की एक चिट्ठी से खड़ा हुआ है। दरअसल गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे (Godda MP Dr Nishikant Dubey) ने देवघर के बुढ़ई जलाशय परियोजना (Budhai Reservoir Project of Deoghar) को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से पूछा था कि, आखिर क्या वजह है कि, परियोजना में प्रगति नहीं हो पा रही है।
साल 2016 में ही परियोजना के लिए दी गई स्वीकृति
गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे की चिट्ठी का जवाब देते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा है कि, केंद्र सरकार द्वारा साल 2016 में ही बुढ़ई जलाशय परियोजना को हरी झंडी दे दी गई थी साथ ही वन व पर्यावरण मंत्रालय समेत सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण को लेकर भी क्लियरेंस दे दी गई, इतना ही नहीं मंत्रालय की एडवाइजरी कमेटी ने भी परियोजना के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी थी।
2017 में केंद्र ने जारी किए 15.20 करोड़ की राशि
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने अपनी चिट्ठी में साफ किया है कि, मंत्रालय नर साल 2017 में परियोजना के लिए 15.20 करोड़ की राशि भी उपलब्ध करा दी है ऐसे में परियोजना की शुरुआत किन परिस्थितियों में नहीं की गई है इसका जवाब राज्य सरकार ही दे सकती है।
परियोजना में देर की जिम्मेदारी किसकी?
साल 2016 के दौरान राज्य में बीजेपी की सरकार थी और रघुवर दास मुख्यमंत्री थे, अब सवाल यह खड़ा होता है कि, जब केंद्र की तरफ से परियोजना की स्वीकृति 2016 में और पैसे 2017 में ही जारी कर दिए गए थे तो, उसवक्त परियोजना को लेकर राज्य सरकार ने चुस्ती क्यों नहीं दिखलाई, वहीं फिलवक्त राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार है तो भी हालात जस के तस बने हुए हैं। सूत्रों की मानें तो अबतक इस परियोजना को लेकर ज़मीन अधिग्रहण का कार्य तक पूरा नहीं हो पाया है।
किसानों को सिंचाई और पीने के पानी की समस्या का होगा समाधान
आपको बता दें कि, देवघर के बुढ़ई परियोजना की रूपरेखा इलाके के किसानों को सिंचाई और पीने के पानी की किल्लत से निजात दिलाने के मकसद से बनाई गई थी जिससे इलाके के किसान न सिर्फ खुशहाल होते बल्कि, जलसंकट की समस्या से भी निजात मिलती, लेकिन, इस महत्वाकांक्षी परियोजना की लेट लतीफी ने सवाल तो खड़े कर ही दिए हैं।