Ranchi: राजधानी रांची स्थित रिम्स अस्पताल में विश्व का पहला सिस्टोस्कोपिक गाइडेड कांटीनुअस एंबुलेटरी पिरीटोनियल डायलाइसिस (Cystoscopic Guided Continuous Ambulatory Peritoneal Dialysis) (CAPD) इंसेरेशन हुआ है। रिम्स के डाक्टरों ने यह कारनामा कर दिखाया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए रिम्स के प्रवक्ता डॉ डीके सिन्हा ने सोमवार को बताया कि 32 वर्षीय वंदना कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती है। उसके हार्ट में एक छेद है जिसे एएसडी कहा जाता है। साथ ही साथ उसकी दोनों किडनी फेल हो गयी थी।
उन्होंने बताया कि उसे नेफ्रोलॉजी विभाग से डायलिसिस के बारे में परामर्श दिया गया था। लेकिन वह डायलिसिस पूरा नहीं कर पाती थी और डायलिसिस के दौरान उसका बीपी कम हो जाता था। अतः नेफ्रोलॉजी विभाग ने उसे सीएपीडी के लिए परामर्श दिया। यूरोलॉजी विभाग में आने के बाद डॉ अरशद जमाल ने उसे देखा और सीएपीडी इंसरेशन करने का निश्चय किया। लेकिन उसके हार्ट में छेद होने के कारण किसी भी तरह का जनरल एनेस्थीसिया संभव नहीं हो पाया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद उसका सीएपीडी इंसरेशन लोकल एनेस्थिीसिया में सिस्टोस्कॉपी सिस्टोस्कोपिक गाइडेंस में किया गया। यह विधि विश्व में कहीं भी रिपोर्टेड नहीं है और यह एक गहन अध्ययन का विषय बन गया है।