Deoghar: बीते 25 दिसंबर की शाम देश के प्रधानमंत्री बिल्कुल एक सेंटा की तरह अचानक टेलीविजन पर प्रकट हुए और बच्चों के बीच बतौर गिफ़्ट वैक्सिनेशन का ऐलान कर करीब तीस करोड़ बच्चों के सच्चे रहनुमा बन गए।
अब सवाल यह खड़ा होता है कि, जिन राज्यों और जिलों में अबतक कोविड टीकाकरण के दूसरे डोज़ का टास्क अबतक अटका पड़ा है. वहां, 12 से 18 साल तक के बच्चों को वैक्सीन कवर देना कितना मुमकिन हो पायेगा?, या यूं कहें कि, इस नए लक्ष्य को हासिल करना क्या इतना आसान हो पायेगा?.
सवाल इसलिए भी क्योंकि, देवघर जिले को राज्य के सबसे फिसड्डी जिलों में शुमार कर राज्य सरकार की तरफ से केंद्र को जो रिपोर्ट भेजी गई थी. वह बेहद शर्मनाक थी. लिहाजा खुद देश के प्रधानमंत्री ने देवघर जिले के जिलाधिकारी को जल्द से जल्द दूसरे डोज़ के टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया था लेकिन, नतीजा आज भी सामने है।
ऐसे में बच्चों के लिए वैक्सिनेशन की प्रक्रिया भी नए साल की शुरुआत से शुरू हो जाएगी। यानी, जिस जिला प्रसाशन ने अबतक पुराने लक्ष्य को ही हासिल नहीं किया है. उसके सामने एक और चुनोती मुंह बाए खड़ी है. बावज़ूद इसके जो तैयारियां की जानी चाहिए थी. वह भी नाकाफी है।
बहरहाल, देवघर की जनता यह माने बैठी है कि, कोविड की पहली और दूसरी लहर के बीच जिन भोलेनाथ पर भरोसा था इस दफे भी वही पार लगाएंगे।