रांची: रांची के तमाड़ थाना पुलिस ने मनोज झा हत्याकांड का मुख्य आरोपित सहित दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान अफसर आलम उर्फ छोटू उर्फ लंगड़ा और मोहम्मद शोएब अख्तर के रूप में हुई है। आरोपितों के पास से एक देशी रिवॉल्वर और तीन गोली बरामद की गई है।
एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोमवार को बताया कि जेवियर कॉलेज की जमीन को लेकर बीते 26 जुलाई को तमाड़ थानाक्षेत्र के रड़गांव में अधिवक्ता मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उक्त कॉलेज जमीन के पक्ष में फैसला आने के बाद व्यक्तिगत नुकसान और प्रतिष्ठा धूमिल होने पर अफसर ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर अधिवक्ता मनोज झा की हत्या कर दी थी।
उन्होंने बताया कि रांची पुलिस ने मुख्य आरोपित सहित दो लोगों की गिरफ्तारी बेंगलुरु से की है। इस हत्याकांंड में लिप्त चार आरोपितों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
एसएसपी ने बताया कि मामले को लेकर विशेष अनुसंधान टीम (एसआईटी) की ओर से लगातार झारखंड के विभिन्न जिलों में छापेमारी की जा रही थी। अफसर आलम की गिरफ्तारी के लिए बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र के पुणे, तमिलनाडु के चेन्नई बिहार और झारखंड के कई जिलों में करीब 20 जगहों पर एसआईटी ने छापेमारी की थी।
एसएसपी ने बताया कि एसआईटी टीम ने अफसर आलम को बेंगलुरु के होसकोटे थाना क्षेत्र के कनक नगर से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में अफसर आलम ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि 26 जुलाई को मनोज कुमार झा की हत्या करने के बाद अफसर आलम उर्फ छोटू घटना में प्रयुक्त एक हथियार मारने वाले शूटर साथी को दे दिया और एक हथियार मोहम्मद शोएब अख्तर को छिपा कर रखने के लिए दिया था। जिसके बाद टीम ने मोहम्मद शोएब के घर पर छापेमारी की छापेमारी दल को देखकर मोहम्मद शोएब घर से भागने लगा जिसे पुलिस टीम के सहयोग से दौड़ाकर पकड़ लिया गया और उनके कमर से एक रिवाल्वर जिसमें तीन गोली लोड था। उसे बरामद किया गया। मोहम्मद शोएब अख्तर ने पूछताछ में घटना में संलिप्तता स्वीकार की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ग्रामीण एसपी नौशाद आलम, एसडीपीओ अजय कुमार ,तमाड़ थाना प्रभारी प्रेम प्रकाश सहित अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि बीते 26 जुलाई को लगभग साढ़े तीन बजे दो पल्सर बाइक पर आये अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया था। मनोज झा संत जेवियर स्कूल के जमीन विवाद में केस की पैरवी कर रहे थे। जेवियर स्कूल तमाड़ के रड़गांव में 14 एकड़ जमीन पर कॉलेज का निर्माण करा रहा था। वहां पर बाउंड्री का कार्य हो रहा था बताया जाता है कि मनोज झा वहां पर देखरेख करने जाया करते थे। 26 जुलाई को भी वह चहारदीवारी निर्माण को देखने गए थे। निर्माण कार्य देखने के बाद वह रड़गांव से महज 500 मीटर की दूरी पर एक पेड़ के नीचे गाड़ी खड़ी कर उसमें बैठे हुए थे। साथ में उनका चालक असलम भी था। तभी दो पल्सर मोटरसाइकिल पर अपराधी आये और कार में बैठे मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पुलिस की जांच में पता चला कि अधिवक्ता मनोज झा संत जेवियर कॉलेज प्रबंधन की ओर से रड़गांव में जमीन संबंधित कार्यों की देखरेख करते थे। उस जमीन पर मुख्य आरोपी अफसर आलम अपने अन्य सहयोगियों के साथ दावा करता था। जेवियर स्कूल ने उस जमीन को रड़गांव के शेख रजा के वंशजों से 2007 में खरीदा था। उसी समय गांव के कुछ लोगों ने इस संबंध में कोर्ट में आवेदन दिया था। तभी से मामला कोर्ट में चल रहा है। बताया जाता है कि जेवियर कॉलेज के पक्ष में कोर्ट का फैसला आया था, जिसके बाद अपराधी अफसर आलम अन्य अपराधियों के साथ मिलकर योजना बनायी कि अधिवक्ता मनोज की हत्या करने के बाद रास्ता साफ हो जाएगा, जिसके बाद उस जमीन को बेचकर हम सभी आपस में पैसे का बंटवारा कर लेंगे।
उधर, रांची सिविल कोर्ट के करीब 400 से ज्यादा वकीलों ने मनोज झा की हत्यारोपितों के खिलाफ मुकदमा लड़ने का निर्णय लिया है। रांची जिला बार एसोसिएशन से संबद्ध 400 से ज्यादा वकीलों ने इसके लिए वकालतनामा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सत्येंद्र प्रसाद एवं अधिवक्ता ऋषिकांत राय ने बार भवन में घूमकर हस्ताक्षर अभियान चलाया और रांची जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं को दिवंगत मनोज झा का केस लड़ने के लिए प्रेरित किया।
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