Ranchi: रिम्स में इलाजरत ब्लैक फंगस (Black Fungus) संक्रमित उषा देवी (45) की मौत के बाद रिम्स निदेशक (RIMS director) सहित अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया गया है। महिला की मौत के बाद रिम्स में वज्र वाहन को तैनात करना पड़ा।
स्थानीय थाने की पूरी टीम थाना प्रभारी के नेतृत्व में रिम्स पहुंची थी। हालांकि परिजन शांतिपूर्ण तरीके से शव को अंतिम संस्कार के लिए हरमू मुक्तिधाम ले गए। लेकिन उनका गुस्सा इलाज में हुए लापरवाही को लेकर है। इसे लेकर मृत महिला के पुत्र गौरव गुप्ता ने रविवार को बरियातु थाना में एफआईआर किया है।
गौरव ने रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, चिकित्सा अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप, डॉ संजय कुमार, ईएनटी विभाग की एचओडी डॉ सीके बिरुआ, डॉ मनीष, डॉ आयुष, आलोक, प्रिया, राकेश चौधरी सहित अन्य लोगों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हत्या का केस दर्ज करने का मांग करते हुए प्राथमिकी दायर करायी है।
इस संबंध में बरियातू थाना प्रभारी सपन महथा ने बताया कि मृत महिला के पुत्र ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। मामले को लेकर वरीय अधिकारियों से विचार विमर्श किया जा रहा है। विचार -विमर्श करने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गिरिडीह जिले के पचंबा की रहने वाली उषा देवी के इलाज के लिए 17 मई को रिम्स लाया गया था। लेकिन इलाज शुरू होने में दो दिन लग गए थे। उषा के इलाज में हुए लापरवाही को लेकर उनके बच्चे सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे थे। बच्चों ने मुख्यमंत्री से भी बेहतर इलाज की गुहार लगाई थी। थक-हारकर बच्चों ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। जिसके बाद रिम्स निदेशक को चीफ जस्टिस ने कड़ी फटकार लगाई गई थी।
ब्लैक फंगस संक्रमित मरीज उषा देवी का ऑपरेशन आठ जुलाई को हुआ था। इस ऑपरेशन में ईएनटी विभाग के डॉक्टर, न्यूरो सर्जरी, एनेस्थीसिया के डॉक्टर सहित अन्य लोग शामिल थे।इलाज के क्रम में उषा देवी की रविवार को मौत हो गई। उषा देवी की तबीयत सुबह में बिगड़ गई थी। लेकिन तीन घंटे तक कोई डाॅक्टर देखने नहीं आया। मृत महिला के पुत्र गौरव ने यह आरोप लगाया है।