Pakur: लिट्टीपाड़ा के आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल कुमारभाजा गांव में कल्याण विभाग द्वारा कोई 12 करोड़ की लागत से दो वर्ष पूर्व बनवाया गया एकलव्य माॅडल स्कूल (Eklavya model school) लाॅक डाउन के चलते शुरू नहीं हो सका है।
विभाग ने आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय की बच्चियों को समुचित शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए इस आवासीय स्कूल का निर्माण कराया है, जहां पहाड़िया समुदाय की चयनित 60 – 60 (कुल 120) छात्राओं को पढ़ाने की योजना है। विभाग ने स्कूल परिसर में सभी सुविधाओं से लैस छात्र-छात्राओं के लिए अलग अलग छात्रावास के साथ ही शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों के लिए क्वार्टर बनवाया है। योजना के मुताबिक उक्त स्कूल में वर्ष 2020- 21का शैक्षणिक सत्र प्रारंभ करना था। लेकिन कोरोना महामारी (CoronaVirus) के मद्देनजर लगाए गए लाॅक डाउन के चलते इसका ताला तक नहीं खुल पाया है। फलस्वरूप पहाड़िया बच्चियों का भविष्य अधर में लटक गया है।
उल्लेखनीय है कि संथाल परगना प्रमंडल के सभी छह जिलों में रहने वाले आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के हजारों लोग सदियों से आर्थिक व शैक्षणिक दृष्टिकोण कोण से आज भी सर्वाधिक पिछड़े हैं। केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा इस आदिम जनजाति समुदाय की बच्चियों को आधुनिक शिक्षा देने के मद्देनजर इस आवासीय स्कूल का निर्माण करवाया गया है। जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2016 – 17 में 12 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी थी। दो वर्ष पहले समेकित जनजाति विकास अभिकरण (ITDA) की देखरेख में कुल 1105.884 लाख रुपए की लागत से उक्त स्कूल का निर्माण करवाया गया। साथ ही 120 पहाड़िया बच्चियों का चयन भी किया गया।
उल्लेखनीय है कि पाकुड़ जिला में आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय की बच्चियों के लिए एक भी आवासीय स्कूल संचालित नहीं है। जबकि विभागीय स्तर पर पहाड़िया बच्चों के लिए हिरणपुर, लिटीपाड़ा, अमड़ापाड़ा के अलावा जिला मुख्यालय में आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इस संबंध में जिला कल्याण पदाधिकारी विजन उरांव ने बताया कि जिले में पहाड़िया बच्चियों के लिए एक भी आवासीय विद्यालय नहीं है। जबकि पड़ोसी जिला साहिबगंज में एक उच्च तथा एक मध्य विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं ।
वहीं निदेशक समेकित जनजाति विकास अभिकरण मोहम्मद शाहिद अख्तर ने बताया कि लिटीपाड़ा के कुमारभाजा में निर्मित एकलव्य माॅडल स्कूल का संचालन सरकार के निर्देशानुसार ट्राइवल वेलफेयर कमिश्नर द्वारा चयनित स्वयंसेवी संस्था द्वारा कराया जाएगा, जो लाॅक डाउन के चलते हो नहीं पाया है।