देवघर: ए एस महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान मे सोमवार को ‘पर्यावरण, प्राणवायु और कोविड-19 ‘ विषय पर एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ अनिल कुमार झा ने की। मुख्य अतिथि देवघर जिला वन पदाधिकारी राजकुमार शाह एवं विशिष्ट अतिथि एनएसएस के झारखंड राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार, एसकेएमयू की कार्यक्रम समन्वयक डॉ मेरी मार्गरेट टूडू, साहिबगंज जिला नोडल पदाधिकारी डॉ रंजीत सिंह, गोड्डा जिला नोडल पदाधिकारी डॉक्टर सुमन लता, दुमका जिला नोडल पदाधिकारी डॉ अनुपम श्रीवास्तव एवं वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार थे। इस अवसर पर इन अतिथियों ने अपने अपने वक्तव्य रखें।
डॉक्टर अनिल कुमार झा ने कहा कि पेड़ हमें हमारी प्राणवायु ऑक्सीजन देने में सक्षम है पर हम इनको संरक्षित नहीं कर पा रहे हैं जिससे अपने स्वस्थ रहकर जीने की दशा को खोते जा रहे हैं। जिला वन पदाधिकारी श्री शाह ने बताया कि वन विभाग का यह दायित्व है कि वह राज्य के वन को संरक्षित एवं प्रफुल्लित करके रखें पर, यह अकेले कोई भी विभाग अपने बूते पर नहीं कर सकता । उसे समाज का सहयोग चाहिए। देवघर वन विभाग भी देवघर को हरा भरा रखकर पृथ्वी को संतुलित करने में अपनी भूमिका निभाना चाहता है इसलिए शहर के सभी नागरिकों और विशेष कर महाविद्यालय में पढ़ रहे युवाओं से सहयोग की उम्मीद करता है ।जब हम साथ मिलकर काम करेंगे तब निश्चय ही अपने मकसद में कामयाब रहेंगे।
झारखंड राज्य के एस एन ओ डॉ ब्रजेश कुमार ने बताया कि एन एस एस के साथ साथ कई समाजसेवी संस्थाएं हैं जो प्रतिवर्ष हजारों पेड़ लगाती हैं ,वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत पर वे पौधे पेड़ नहीं बन पाते अतः आवश्यक है कि हम ना सिर्फ पौधे लगाएं बल्कि उन्हें सुरक्षित करने में भी अपनी भूमिका निभायें। सि. का. मुर्मू विश्वविद्यालय की कार्यक्रम समन्वयक डॉ मेरी मार्गरेट टूडू ने कहा कि वैज्ञानिक आविष्कार से हथियार बम गोला बारूद बनाकर हम लोगों ने अपनी योग्यता बहुत दिखा ली आप हमें अपनी योग्यता मानवता को बचाने में और धरती को संरक्षित करने में लगानी होगी तभी हम भी बचे रहेंगे और हमारे आने वाली पीढ़ी भी। मौके पर ,साहिबगंज नोडल पदाधिकारी डॉ रंजीत सिंह ने बताया कि जल ,जंगल ,नदी पहाड़ यही तो हमारी झारखंड की पहचान है अगर हम इसे बचाने में सफल नहीं हुए तो हमारा अस्तित्व ही क्या रहेगा ?
अतः आवश्यक है कि हम सब एकजुट होकर इसके लिए आगे आए। गोड्डा जिला नोडल पदाधिकारी डॉ सुमन लता ने बताया कि यदि हम एक पौधा लगाते हैं, उसे पेड़ बनाते हैं तो निश्चय ही हम अपने आने वाली पीढ़ियों के साथ दीर्घायु रह पाएंगे। दुमका जिला नोडल पदाधिकारी डॉ रूपम श्रीवास्तव ने स्वयंसेवकों से अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति अधिक से अधिक जागरूक और कार्यरत रहने की अपील की। वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पर्यावरण प्रदूषित कर हम अपना जीवन कलुषित कर रहे हैं निरंतर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले उपकरणों का प्रयोग कर हम आज तो आराम पा ले रहे हैं पर कल सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा अतः जल्द से जल्द जागना आवश्यक है। संगोष्ठी का संचालन कर रही कार्यक्रम पदाधिकारी भारती प्रसाद ने कहा कि कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में पिछले वर्ष हमने कई ऐसे उदाहरण देखे हैं जहां लॉकडाउन की स्थिति में हमारी दैनिक दोहन से मुक्ति पाकर प्रकृति काफी हरी-भरी और मुक्त हुई थी और हमने दिल्ली जैसी जगह में भी पिछले साल हवा की उच्च गुणवत्ता, गंगा नदी की स्वच्छता जैसे उदाहरण देखें जो हमें इंगित करता है यदि हम अब भी जाग गए तो प्रकृति हमें वह सब कुछ देने को तैयार है जो हमारी आवश्यकता है ।बस ,देर है तो हम सबके जागने और आगे बढ़ कर हमारे जंगल, जमीन ,जल और जीव जंतुओं को सुरक्षित करने के प्रति कटिबद्ध होने की । संगोष्ठी का तकनीकी नियंत्रण स्वयंसेवक अतुल कुमार ने किया।
मौके पर डॉ अनिल कुमार झा, डॉ ब्रजेश कुमार,डॉ मेरी मार्गरेट, डॉ रंजीत सिंह,डॉ सुमन लता,डॉ रूपम श्रीवास्तव,डॉ पूनम ठाकुर,डॉ अनिल ठाकुर,डॉ किरण कुमारी, डॉ टी पी सिंह आदि शिक्षक शिक्षिकाओं के अतिरिक्त अतुल कुमार,संधि कुमारी, कृष्णा सिंह राजपूत ,मनोज कुमार , अनिल कुमार,शिखा, निधि, ज्योति, किस्कु टूडू,अंकित, प्राची ,पूजा, विजय ,नेहा ,सौरव ,राकेश, विवेकानंद ,संदीप ,पूर्णिमा, सुमंत ,अंजलि, आदि बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।