जरमुंडी (दुमका)
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर झारखण्ड में लागू स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान कड़ी सख्ती बरती जा रही है। लॉकडाउन के कारण कई लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा संचालित मनरेगा योजना के तहत ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करा कर इस महामारी के समय में उनकी भरपूर सहायता की जा रही है।
जरमुण्डी प्रखंड में भी ऐसे कई मजदूर हैं जो अन्य राज्यों में जाकर अपनी रोजीरोटी की जुगाड़ करते थे। देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर अपने घर वापस लौट रहे हैं। ऐसे में इन प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा की योजनाएं इन्हें कुछ हद तक बेरोजगारी से बचाने में सार्थक साबित हो रही है। जरमुण्डी प्रखंड के खरबिल्ला पंचायत में संचालित मनरेगा योजना के तहत तालाब निर्माण कार्य में दर्जनों मजदूरों को घर के आसपास काम मिल रहा है जिससे उनके चेहरों पर खुशी देखी जा सकती है।
एक तस्वीर आई है जिसमे मनरेगा कार्य में लगे मजदूरों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जरमुण्डी बीडीओ कार्यस्थल पर जाकर मजदूरों के बीच जमीन पर बैठकर लोगों को कोरोना जाँच तथा टीकाकरण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कार्यस्थल पर ही स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कोरोना जाँच किया जा रहा है ताकि संक्रमित व्यक्तियों की पहचान हो सके तथा संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट करके बाकी लोगों में संक्रमण फैलने से रोका जा सके। ताकि मजदूर कोरोना के संक्रमण से मुक्त रहकर रोजगार प्राप्त कर सके।
अन्य राज्यों में रोजगार नहीं मिलने के कारण वापस लौटे मजदूरों ने बताया कि घर के समीप काम मिल जाने से उन्हें इस विकट परिस्थिति में बेरोजगारी का दंश नहीं झेलना पड़ रहा है।
वहीं जरमुण्डी बीडीओ ने बताया कि मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए मनरेगा की योजनाएं काफी सहायक साबित हो रही है और गाँव में ही महिला पुरूषों को रोजगार मिल जाने से लोग लॉकडाउन का भली-भांति पालन करते हुए कोरोना महामारी पर विजय प्राप्त करने में सफल हो रहे हैं।
रिपोर्ट: कुणाल शांतनु