देवघर।
देवघर में 'इतिहासघर' स्थायी भवन निर्माण की मांग को लेकर नगर प्रशासक को आवेदन पत्र सौंपा गया।
मंगलवार को डॉ.एन.सी.गांधी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल नगर प्रशासक शैलेन्द्र कुमार लाल से मिला और उन्हें 'इतिहासघर' के स्थायी भवन निर्माण के लिए बत्तीसी पार्क के निकट जगह आवंटित करने के निमित्त एक आवेदन-पत्र सौंपा।
'इतिहासघर' के परिकल्पक और 'झारखंड शोध संस्थान' के सचिव उमेश कुमार ने नगर प्रशासक को बताया कि देवघर आने वाले तीर्थयात्रियों, पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को इस शहर की गौरवशाली विरासत से परिचित कराने के लिए एक स्थायी 'इतिहासघर' की आवश्यकता है। सन् 2015 ई. में देवघर उपायुक्त अमीत कुमार ने रेडक्रास भवन के ऊपरी माले पर 'इतिहासघर' के लिए अस्थायी जगह दी थी, जिसे पिछले साल अस्पताल प्रबंधन ने खाली करा लिया।
उमेश कुमार ने जानकारी दी कि देवघर विधायक नारायण दास ने 'इतिहासघर' के लिए विधानसभा में भी आवाज उठायी है और स्थायी 'इतिहासघर' के लिए उचित स्थान की तलाश कर रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल उद्यमी एवं समाजसेवी आलोक कुमार मल्लिक ने नगर प्रशासक को कहा कि बत्तीसी में 'इतिहासघर' बनने से वहां के पार्क का महत्व भी बढ़ेगा.डॉ.एन.सी.गांधी ने सुझाव दिया कि 'अमृत' या 'प्रसाद' योजना के अंतर्गत भी 'इतिहासघर' की कल्पना को मूर्त्त किया जा सकता है।
नगर प्रशासक शैलेन्द्र कुमार लाल ने कहा कि यह नवोन्मेष प्रकृति की एक सुंदर परियोजना है जिसके माध्यम से स्थानीय इतिहास और परंपरा की विशिष्टताओं को उजागर किया जा सकता है। विश्व इतिहास की तरह अपने आंचलिक इतिहास की भी विशेष अहमियत है और नई पीढ़ी को इससे अवगत कराना जरूरी है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को सार्थक सहयोग का आश्वासन दिया।