जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के वावेन गांव ने 100 फीसदी कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इस गांव के 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इस तरह से यह देश का पहला गांव है, जहां 100 फीसदी टीकाकरण हो चुका है। इस गांव में टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जहां ग्रामीणों ने जागरुकता दिखाई है, तो वहीं स्वास्थ्यकर्मियों ने भी कड़ी मशक्कत की है। जंगलों के बीच बसे इस गांव तक पहुंचने के लिए हेल्थ वर्कर्स को 11 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ता था। बीते शुक्रवार को जब हेल्थ वर्कर्स की टीम इस गांव में पहुंची तो सभी 362 ग्रामीणों ने टीका लगवा लिया। गांव में ज्यादातर आबादी जनजातीय समुदाय की है, जो हमेशा गर्मियों में पहाड़ों की ओर निकल जाते हैं और अपने पशुओं संग पतझड़ के सीजन में ही लौटते हैं।
बांदीपोरा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. मसरात ने कहा कि गांव में 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लग चुका है। उन्होंने कहा कि यदि हम इंतजार करते, तो ये लोग पहाड़ों की ओर निकल जाते और फिर उन्हें टीका लगा पाना मुश्किल होता। ऐसे में हमने पहले ही यह टारगेट हासिल कर लिया है। अब अगला टीका 12 सप्ताह के गैप पर लगेगा और हमने उनसे उनके रूट के बारे में पूछ लिया है, ताकि उन्हें पहाड़ों पर ही कहीं जाकर टीके लगाए जा सकें। डॉक्टर मसरात ने कहा कि यदि हम उन्हें अभी टीका नहीं लगा पाते तो फिर अक्टूबर में उनके लौटने तक इंतजार करना पड़ता।
शुरुआत में सिर्फ 6 लोगों ने ही लगवाया था टीका
गांव के लोगों की ओर से टीकों के लिए आगे आने को लेकर उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की ओर से काउंसिलिंग के बाद सभी लोग इसके लिए राजी हो गए थे। डॉ. मसरात ने कहा, ‘यह गांव पिछड़ा है, जहां सड़क, बिजली और मोबाइल नेटवर्क नहीं है। 2 सप्ताह पहले जब हमने वहां टीम भेजी थी, तो सरपंच समेत सिर्फ 6 लोग इसके लिए आगे आए थे। इसके बाद हमने सरपंच और उन लोगों को रोल मॉडल के तौर पर पेश किया, जिन्होंने टीका लगवा लिय़ा था। इसके बाद उन लोगों ने सभी को प्रेरित किया और सबके राजी होने पर टीकाकरण का 100 फीसदी लक्ष्य हासिल हो पाया।’
सरपंच बोले -“मुझे साइडइफेक्ट न होने पर टीके के लिए राजी हुए लोग
गांव के सरपंच लाल भट ने कहा कि शुरुआत में लोग टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। गांव में कुल 710 लोग हैं, जिनमें से 362 लोगों को टीका लगना था। लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं थे। फिर जब उन्होंने मुझे वैक्सीन लगवाते हुए देखा और मुझे कोई साइडइफेक्ट नहीं हुआ, तो फिर सभी लोग इसके लिए आगे आए। हेल्थ डिपार्टमेंट ने शानदार काम किया है। दो दिनों तक सभी को वैक्सीन लगाने के लिए हेल्थ वर्कर्स की टीम गांव में ही रुकी हुई थी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अब तक 35 लाख से ज्यादा टीके लग चुके हैं।