New Delhi: एससी-एसटी को पदोन्नति में आरक्षण (Reservation in promotion to SC/ST) पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए इसके मानकों में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया (refused to intervene)। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पदोन्नति में आरक्षण से पहले राज्य सरकारों को समीक्षा करके उच्च पदों पर प्रतिनिधित्व के आंकड़े तय अवधि में जुटाने चाहिए। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि प्रतिनिधित्व का मूल्यांकन करने की अवधि केंद्र सरकार तय करे।
कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2021 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्यों से जुड़े आरक्षण के मामलों में स्पष्टता पर 24 फरवरी से सुनवाई शुरू होगी।
सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि एससी और एसटी से संबंधित लोगों के लिए समूह ए श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना अधिक कठिन है। समय आ गया है जब कोर्ट को एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) द्वारा इन रिक्तियों को भरे जाने के लिये कुछ ठोस दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए।