नई दिल्ली।
भारत में कोरोना वायरस की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं कोरोना वायरस पहले से अधिक खतरनाक हो रहा है। यह एक शोध में सामने आया है।
मेडिकल जर्नल 'द लांसेट' में प्रकाशित एक शोध के अनुसार कोरोना संक्रमण से।ठीक हुए मरीजों को पहले भी अधिक गंभीर स्थिति के कोरोना वायरस संक्रमण ने जकड़ा है।
भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में यह संक्रमण उन लोगों में भी दोबारा हो रहा है, जो इससे ठीक हो चुके हैं। लेकिन इस बार यह अधिक खतरनाक है। दरअसल, कोरोना से ठीक होने वाले मुंबई के चार स्वास्थ्यकर्मियों को दोबारा कोराना वायरस संक्रमण हो गया है।
'द लांसेट' की रिपोर्ट में बताया गया है कि चार में से तीन मरीज बीएमसी के नायर अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी हैं। एक हिंदुजा अस्पताल का है। यह शोध दोनों अस्पतालों के साथ मिलकर इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंट्रिगेटिव बॉयोलॉजी और दिल्ली के इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (ICGEB) ने मिलकर किया है। शोध में 8 जीनोम में 39 म्यूटेशन पाए गए हैं।
नायर अस्पताल की डॉक्टर जयंती शास्त्री और ICGEB की डॉ. सुजाता सुनील के अनुसार जिन चार स्वास्थ्यकर्मियों को दोबारा कोरोना वायरस संक्रमण हुआ, उनकी हालत पहले से अधिक खराब थी। उनमें पहले से अधिक गंभीर कोरोना वायरस के लक्षण थे। चारों की हालत नाजुक थी। डॉक्टर के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण पहली बार में हल्का या बिना लक्षण वाला होता है। लेकिन जब ये दूसरी बार होता है तो हालत काफी खराब होती है। ऐसा ही चारों स्वास्थ्यर्मियों के साथ हुआ। उन्हें अस्प्ताल में भर्ती कराया गया था। राहत भरी बात यह थी कि चारों ही स्वास्थ्यकर्मियों में दोबारा संक्रमण होने पर उनके लोवर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में सांस संबंधी तकलीफ नहीं हुई थी।
डॉक्टर के मुताबिक कोरोना वायरस का दूसरी बार हुआ संक्रमण आरटी पीसीआर में सामने नहीं आता है। पूरे जीनोम सिक्वेंसिंग से ही इसका पता चलता है। डॉक्टर के अनुसार इस शोध के जरिये कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने का मकसद था।