नई दिल्ली
भारत सरकार ने देश में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी पूरी तरह समाप्त कर दी है। कारण है अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दामों में गिरावट।
इस समय सब्सिडी और गैर-सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमतें बराबर हो गई हैं। कम से कम इस महीने तो सरकार को लोगों के खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होगी। इससे सरकार को गैस सब्सिडी के मद में बड़ी बचत की उम्मीद है। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के कारण गैर सब्सिडी वाले गैस की कीमत कम हुई है।
मंगलवार को कीमतों में कोई बदलाव नहीं होने के बाद बिना सब्सिडी वाले14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलिंडर की कीमत 594 रुपए रही। वहीं, जुलाई, 2019 से कीमतों में लगातार वृद्धि के साथ सब्सिडी वाले गैस की कीमत 494.35 रुपए से 594 रुपये पर पहुंच चुकी है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में एलपीजी सिलिंडर सब्सिडी के लिए 40,915 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया है, जबकि पहली तिमाही में इसमें से केवल 1900 करोड़ रुपए का प्रयोग हुआ है। जाहिर है, यदि कच्चे तेल की ऐसी ही स्थिति बनी रही, तो बड़ी बचत हो सकती है।
मौजूदा व्यवस्था के तहत सरकार प्रत्येक वर्ष प्रति परिवार 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है। उपभोक्ता बाजार मूल्य पर एलपीजी सिलेंडर खरीदता है और सरकार बाद में खाते में रुपए ट्रांसफर करती है। 13वें सिलेंडर से यह फायदा नहीं दिया जाता है। सरकार द्वारा 12 रीफिल के सालाना कोटे पर दी जाने वाली सब्सिडी की राशि महीने-दर-महीने बदलती रहती है। सब्सिडी मोटे तौर पर कच्चे तेल और विदेशी विनिमय दरों जैसे कारकों से निर्धारित होती है।