Ranchi: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने झारखंड के हजारीबाग में महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंस कंपनी (Mahindra & Mahindra Finance Company in Hazaribagh, Jharkhand) के रिकवरी एजेंटों (recovery agents) द्वारा एक किसान की गर्भवती पुत्री (pregnant daughter of a farmer) को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डालने की घटना पर संज्ञान लेते कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है। आरबीआई ने कंपनी की ओर से आउटसोसिर्ंग एजेंसी के जरिए रिकवरी और रिपजेशन की किसी भी तरह की गतिविधि पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1934 की धारा 45 एल (1)(बी) के तहत महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंस को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया गया है। गौरतलब है कि हजारीबाग जिले के इचाक में महिंद्रा फाइनेंस के रिकवरी एजेंटों ने एक दिव्यांग किसान मिथिलेश मेहता की युवा गर्भवती पुत्री मोनिका मेहता को बीते 16 सितंबर को ट्रैक्टर से कुचल डाला था। गंभीर रूप से जख्मी मोनिका की मौत इलाज के लिए रांची ले जाये के दौरान हो गई थी।
इस घटना के विरोध में हजारीबाग शहर स्थित महिंद्रा फाइनेंस के दफ्तर के समक्ष स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन भी किया था। इस मामले में चार रिकवरी एजेंटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। पुलिस ने अब तक सिर्फ आरोपी को गिरफ्तार किया है।
इचाक के सिजुआ गांव निवासी दिव्यांग किसान मिथिलेश मेहता के मुताबिक उन्होंने महिंद्रा फाइनेंस से कर्ज लेकर सितंबर 2018 में एक ट्रैक्टर खरीदा था। वह कर्ज की रकम के 12 लाख रुपये अदा कर चुके थे। कोविड के दौरान पैदा हुई परेशानियों के चलते वह कर्ज की छह ईएमआई नहीं चुका पाये थे। कंपनी की ओर से मिले नोटिस के अनुसार उन्हें ब्याज सहित 1 लाख 30 हजार रुपये जमा करने थे।
बीते 13 सितंबर को वह 1 लाख 20 हजार रुपये लेकर कंपनी के हजारीबाग स्थित दफ्तर गये थे, लेकिन उनसे कहा गया कि अब एकमुश्त एक लाख 30 हजार रुपये जमा लिये जायेंगे अन्यथा ट्रैक्टर को जब्त कर लिया जायेगा। इसके बाद मिथिलेश घर लौटकर और पैसे जुटाने की तैयारी में जुटे थे कि 15 सितंबर को कंपनी के रिकवरी एजेंट सिजुआ स्थित एक पेट्रोल पंप पर खड़े उनके ट्रैक्टर को खींचकर ले जाने लगे।
इसकी जानकारी मिलने पर मिथिलेश अपनी विवाहिता पुत्री मोनिका के साथ वहां पहुंचे तो उन्होंने रास्ते में ट्रैक्टर ले जा रहे लोगों को रोककर उनसे बातचीत की। मिथिलेश मेहता ने तत्काल रुपये जमा करने की बात कही, लेकिन वे लोग ट्रैक्टर ले जाने पर अड़े रहे।
इसपर खुद को कंपनी का जोनल मैनेजर बताने वाले एक शख्स से मोनिका ने जब उनका आईडी मांगा तो वह गुस्से में आग बबूला हो गया और उसने ट्रैक्टर चालक को उसे रौंदते हुए गाड़ी बढ़ाने को कहा। चालक ने ऐसा ही किया। हजारीबाग पुलिस के मुताबिक रिकवरी एजेंटों ने ट्रैक्टर जब्त करने के पहले कोई सूचना नहीं दी थी।(IANS)