Patna: बिहार में अररिया जिला स्पेशल कोर्ट(Araria District Special Court) का फैसला राष्ट्रीय रिकार्ड (National Record) बन गया। स्पेशल कोर्ट के एडीजे षष्टम-सह-विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट (Special Court ADJ VIII-cum-Special Judge POCSO Court) के जज शशिकांत राय ने पॉक्सो केस में एक दिन के ट्रायल में आजीवन कारावास का फैसला सुनाकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना दिया है। इसकी पुष्टि बिहार सरकार के गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।
गृह विभाग (Bihar) ने आज एक अधिसूचना जारी कर पुलिस और अभियोजन पक्ष के द्वारा किए गए कार्य की सराहना की, जिसके कारण कोर्ट ने अभियुक्त को दोषी पाकर सजा दिया। इससे पहले मध्य प्रदेश अभियोजन निदेशालय के पोर्टल पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स सर्टिफिकेट अपलोड किया गया है। इसमें तीन दिन में बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में त्वरित विचारण कराकर आजीवन कारावास का मामला शामिल है।
सर्टिफिकेट में केस संख्या-सीएनआर संख्या-एमपी 32010031562018 का ई-कोर्ट के अवलोकन में स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश के दतिया जिला न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश-सह- विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट के द्वारा दिनांक 08 अगस्त, 2018 को थरेट थाना कांड संख्या- 47/18 धारा 376 एबी आईपीसी एवं धारा 6 पॉक्सो एक्ट में अभियुक्त मोतीलाल पुत्र- भैयालाल अहिरवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसमें तीन दिन में तेजी से फैसला लेकर सजा कराई गई थी, जो अब तक का सबसे कम समय में सजा कराने का रिकॉर्ड था। इस फैसले के आधार पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सबसे कम दिनों में न्याय देने का फैसला दर्ज है, जिसे अररिया पॉक्सो कोर्ट के जज शशिकांत राय ने एक ही दिन में सारी न्यायिक प्रक्रिया पूरी कर तोड़ दिया और एक नया रिकॉर्ड बनाया ।
उल्लेखनीय है कि स्पीडी ट्रायल के तहत अररिया के स्पेशल कोर्ट के पीठासीन न्यायाधीश शशिकांत राय द्वारा महिला थाना कांड संख्या 124/ 21 में दिनांक 15 दिसम्बर, 2021 को एक ही दिन में आरोप गठन, आठ गवाहों की गवाही और बहस सुनकर अभियुक्त राजकुमार यादव को धारा 376 एबी आईपीसी के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा के साथ 10 हजार रुपये जुर्माना अधिरोपित किया। साथ में पीड़िता को दस लाख रुपये की प्रतिपूर्ति करने का आदेश जारी किया।
इस कांड में पुलिस और प्रॉसिक्यूशन द्वारा दिनांक 15 दिसम्बर, 2021 को पीड़िता, डॉक्टर और रिसर्चर और अन्य गवाहों को कोर्ट में उपस्थित कराया गया, जहां कोर्ट ने आठ गवाहों की गवाही ली थी। साथ ही इस कांड का मेडिकल जांच रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट, बच्ची का कपड़ा सहित जब्ती सूची न्यायालय में प्रदर्श अंकित कराया गया और न्यायालय द्वारा उसी दिन शाम में फैसला सुनाया गया, जो देश में एक दिन में सजा कराने का एकमात्र उदाहरण बना है।