
नई दिल्ली: स्वदेशी रिमोट कंट्रोल्ड गन मिलने से भारतीय नौसेना(Indian Nevy) और भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) की ताकत में शनिवार को और इजाफा हो गया। ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड ने आज एक समारोह में 12.7 मिमी. स्टैबिलाइज्ड रिमोट कंट्रोल्ड गन (SRCG) के 25 सिस्टम नौसेना को सौंप दिए। इसमें 15 एसआरसी गन नौसेना के लिए और 10 भारतीय तटरक्षक बल के लिए हैं। इसे इजराइल की कंपनी एलबिट सिस्टम्स के सहयोग से विकसित किया गया है जिसके लिए रक्षा मंत्रालय ने इस बंदूक की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का अनुबंध किया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 अगस्त 2020 को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तमिलनाडु की ऑर्डिनेंस फैक्टरी, तिरुचिरापल्ली (OFT) में स्टैबिलाइज्ड रिमोट कंट्रोल्ड गन सिस्टम (SRCG) लांच किया था। 12.7 मिमी. की इस स्वदेशी रिमोट कंट्रोल्ड गन को नाटो मानक के अनुरूप जहाजों और छोटी नौकाओं के समुद्री इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया है। यह स्वदेशी बन्दूक दिन और रात के समय सटीकता के साथ दुश्मन की छोटी नावों, गश्ती नौकाओं और अन्य छोटे जहाजों को दूर से निशाना बना सकती है। एसआरसीजी में स्वचालित लक्ष्य ट्रैकिंग क्षमता है, इसलिए बंदूक प्रणाली की खराबी या बिजली आपूर्ति की विफलता के मामले में मैन्युअल फायरिंग करने में सक्षम है।

एसआरसीजी हथियार प्रणाली के लिए ओएफटी नोडल कारखाना है और आयुध निर्माणी, वरनगांव में इसके लिए गोला-बारूद का उत्पादन किया जाएगा। 2.82 करोड़ रुपये के निवेश से आयुध निर्माणी, तिरुचिरापल्ली में अत्याधुनिक असेंबली और परीक्षण सुविधाएं विकसित की गई हैं। भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के लिए इस प्रणाली के स्वदेशी निर्माण से लगभग 167 करोड़ रुपये की बचत होगी। साथ ही यह प्रणाली आयुध निर्माणी, तिरुचि और अन्य सहयोगी कारखानों को 255 करोड़ प्रति वर्ष की दर से व्यापार करने का अवसर प्रदान करेगी।