कोलकाता: कोलकाता के मशहूर कारोबारी निखिल जैन के साथ अपनी शादी को लेकर संसद में गलत तथ्य पेश करने के आरोपों से घिरी तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां की लोकसभा की सदस्यता को लेकर पूरे देश में बहस चल रही है। इस संबंध में कानूनी प्रावधानों को समझने के लिए देश के मशहूर संविधान विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी।
नूसरत जहां के बयान के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता को लेकर उठ रहे सवाल पर संविधान के जानकार सुभाष कश्यप ने कहा कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी की शादी टूटने अथवा शादी के संबंध में सच या झूठ बोलने के लिए उनकी संसद सदस्यता खत्म की जाए। हालांकि उन्होंने जोड़ा कि अगर लोकसभा अध्यक्ष चाहें तो वह अपने विवेक के मुताबिक फैसला ले सकते हैं। कश्यप ने बताया कि संसद सदस्य के खिलाफ मिली शिकायतों की सच्चाई से अगर लोकसभा अध्यक्ष संतुष्ट होते हैं तो वह एथिक्स कमेटी को इस पर विचार के लिए प्रस्ताव भेज सकते हैं। लेकिन सदस्यता खत्म करने संबंधी कोई प्रावधान संविधान में मौजूद नहीं है।
नुसरत जहां के बयान को लेकर भाजपा लगातार उन पर हमलावर रही है। प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा से हिन्दुस्थान समाचार ने नुसरत मामले पर प्रतिक्रिया मांगी तो उनका कहना था कि नुसरत जहां ने भारत की संसदीय प्रणाली का मजाक बनाया है। उन्होंने कहा कि संसद में शपथ लेते समय उन्होंने सिंदूर लगाया था, मंगलसूत्र पहना था, मेहंदी रचाई थी। पूरी दुनिया के सामने शादी का ढिंढोरा पीटा और अब कह रही हैं कि शादी नहीं की। निखिल जैन की पत्नी के तौर पर संसद में शपथ ली थी। अब कह रही हैं कि शादी नहीं हुई।
उनके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। अगर कार्रवाई नहीं की गई तो अन्य लोग भी ऐसा करेंगे। गलती करने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान है। यदि उन्हें सजा मिलती है तो इससे आदर्श स्थापित होगा।
इस मामले में पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि नुसरत जहां अथवा उनके इर्द-गिर्द जिस तरह की ओछी राजनीति हो रही है। उस पर वह कुछ भी कहना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि सांसद सह अभिनेत्री की निजी जिंदगी के बारे में बात करना और उसे खबर का मुद्दा बनाना उचित नहीं। इसलिए वह इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।
दरअसल, बांग्ला फिल्मों की अभिनेत्री नुसरत जहां ने तृणमूल के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मशहूर कारोबारी निखिल जैन से शादी की थी। अपने रिसेप्शन में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया था, जिसमें वह शामिल भी हुई थीं। इसके बाद सिंदूर और मंगलसूत्र, मेहंदी और चूड़ी पहन कर पारंपरिक वेशभूषा में नुसरत जहां ने संसद सदस्य के तौर पर शपथ ली थी।
यह खबर काफी सुर्खियों में थी क्योंकि नुसरत जहां के मुसलमान होने के बावजूद हिंदू रीति रिवाज से उनका सज धज कर संसद पहुंचना पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया था। अब वह अपने पति से अलग हो गई हैं और दावा किया है कि उनकी शादी नहीं हुई थी। उन्होंने कहा है कि विदेशी जमीन पर हुई उनकी शादी भारत में वैध नहीं है इसलिए तलाक की भी जरूरत नहीं है।
नुसरत का दावा है कि वह निखिल के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थीं। इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के बदायूं से भाजपा सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर नुसरत जहां की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष भी उनके इस्तीफे की मांग कर चुके हैं।