Guptkashi: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शुमार बाबा केदारनाथ मंदिर (Baba Kedarnath Temple) के गर्भ गृह में सोने की परत चढ़ाए जाने को लेकर तीर्थ पुरोहित समाज में दो फाड़ हो गया है। एक पक्ष जहां स्वर्ण जड़ित गर्भ गृह, जलहरी का विरोध कर रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ तीर्थ पुरोहितों के एक पक्ष ने इसे सोमनाथ सहित अन्य तीर्थ स्थलों की तर्ज पर निर्मित किए जाने को लेकर हामी भर दी है।
दरअसल श्री बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की पहल पर महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध व्यवसायी द्वारा 230 किलोग्राम सोने को भगवान केदारनाथ को समर्पण किया है। इसी सोने से केदारनाथ के गर्भगृह के चारों ओर स्वर्ण की परत चढ़ाए जाना है। इसके साथ ही भगवान शंकर के त्रिकोण लिंग के चारों ओर जलहरी का निर्माण भी किया जाना है। इसके लिए शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है, लेकिन यह बात कुछ तीर्थ पुरोहितों को नहीं पच रही है।
तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि पौराणिक परंपराओं से छेड़खानी किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाई जाने से कलयुग का वास होता है, क्योंकि सोने और चांदी में कलयुग ने अपने लिए वास मांगा था, यह मोक्षधाम है। मोक्ष धाम की तरह यहां पर शांति और साधारण रूप से तीर्थ यात्रियों को प्रभु के दर्शन करने होते हैं। उन्होंने कहा कि गर्भ गृह में ड्रिल मशीन द्वारा पौराणिक दीवारों पर छेद किए जा रहे हैं, जो कि पौराणिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत के साथ छेड़खानी है।
दूसरी ओर बद्री केदार मंदिर समिति के सदस्य और वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती और केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष महेश बावड़ी ने कहा कि यह गौरवशाली क्षण है, कि दानी दाताओं द्वारा 230 किलो स्वर्ण युक्त गर्भ गृह का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सोमनाथ बद्रीनाथ समेत कई धार्मिक स्थलों पर दानदाताओं द्वारा स्वर्ण और चांदी से दीवारों को सजाया गया है।
यही नहीं बाबा केदारनाथ का गर्भ गृह सुसज्जित भी होगा। उन्होंने कहा कि पौराणिक काल में केदारनाथ की छत पर भी पत्थरों की चिनाई थी ,लेकिन कालांतर में समय के साथ साथ यहां टीन चढ़ाई गई है। साथ ही परिस्थितियों के अनुसार लकड़ी के दरवाजे भी लगाए गए हैं। गर्भ गृह को चांदी से भी सुसज्जित किया गया था। वक्त और परिस्थिति के साथ-साथ इस तरह के कार्यों को तरजीह मिलनी चाहिए। उन्होंने श्री बद्री केदार मंदिर समिति और शासन को इस पवित्र कार्य के लिए बधाई भी प्रेषित की है।