कोविड को लेकर वैज्ञानिकों द्वारा दुनिया भर में रिसर्च चल रही है। ताजा रिसर्च में वैक्सीन को लेकर अहम जानकारी सामने आई है। अमेरिका की रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने दावा किया है कि कोविड-19 की वैक्सीन लगवाना कोई आप्शन नहीं है, जिसे आप चाहें तो नकार सकते हैं। बल्कि ये आपके लिए जरुरी भी है।
रिसर्चर्स के मुताबिक वैक्सीन लगवाने से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ जाती है कि वे वायरस के लगातार बन रहे नये वैरिएंट से भी सुरक्षित रह सकते हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 रोगियों के रक्त में मौजूद एंटीबॉडी का विश्लेषण कर इनकी उत्पत्ति का पता लगाया, और तब जाकर इस निष्कर्ष पर पहुंचे। अध्ययन में शामिल 63 लोगों को पिछले साल कोविड हुआ था। रिसर्चर्स ने उन पर नजर रखी और समय-समय पर उनकी जांच करते रहे। इससे प्राप्त आंकड़ों से पता चला कि समय के साथ प्रतिरक्षा तंत्र की ‘मेमोरी बी कोशिकाओं’ से उत्पन्न एंटीबॉडी की क्षमता इतनी बढ़ गई कि वो SARS-COV-2 से लड़ने में सक्षम हो गये। आपको बता दें कि ‘मेमोरी बी कोशिकाओं’ में अनेक प्रकार के एंटीबॉडी संग्रहित रहते हैं।
अध्ययन में सामने आया कि इन लोगों के अंदर वायरस के खिलाफ दीर्घकालिक सुरक्षा प्रणाली विकसित हो रही है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि मॉडर्ना या फाइजर के टीके की कम से कम एक खुराक लेने वाले 26 लोगों के समूह में भी ये एंटीबॉडी काफी तेजी से बढ़े। यानी अगर आपने कोई सा भी टीका लिया है, तो कोविड के किसी भी वायरस से लड़ने में आपका शरीर ज्यादा सक्षम होगा। वहीं आपने टीका नहीं लिया तो वायरस का संक्रमण होने के पर शरीर में उसका मुकाबला करनेवाले एंटीबॉडीज नहीं बनेंगे, और बने भी तो उससे लड़ने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।