देवघर:
झारखण्ड के संथाल परगना क्षेत्र में उपस्थित देवघर, शहर अपनी नैसर्गिक सुन्दरता और धार्मिक स्थलों के कारण एक अलग महत्व रखता है। शांति और भाईचारे का प्रतीक यह शहर आस्थाओं का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है।
श्रावणी मेला के दौरान यहां का नज़ारा मनमोहक हो जाता है. धार्मिक दृष्टि से बाबा बैद्यनाथ का अपना अलग महत्व होने के कारण सावन के पावन महीने में श्रद्धालुओं का जत्था द्वादश ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करने यहाँ पहुँच रहे है।
ऐसे में यहां आगंतुक कई काँवरिया अपने काँवर को इतने सुंदर ढंग से सजाकर लाते हैं कि उनका काँवर लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बन जाता है। इन्हीं काँवरियों में से आज लोगों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र कोलकाता (पश्चिम बंगाल) से आए 22 काँवरियों का एक जत्था है. कोलकाता महाकाल बम लगातार पांच वर्षों से वजनदार और आकर्षक कंवर लेकर बाबाधाम आ रहे हैं। इस साल 105 किलोग्राम का कांवर लेकर 22 बम की टोली बाबाधाम पहुंची हैं। 105 किलोग्राम का कांवर आकर्षक ढंग से सजा हुआ है.
इस काँवर को देखकर इन श्रद्धालुओं की बाबा के उपर श्रद्धा एवं लाख कठिनाईयों के बावजूद इतने भारी काँवर को लाकर जल अर्पित करने की इच्छा शक्ति देखी जा सकती है।