दुमकाः
सावन के महीने में फौजदारी बाबा बासुकिनाथ के ज्योतिर्लिंग के दर्शन-मात्र से ही कांवरिया अपने दुःख-दर्द भुलकर भाव-विभोर हो जाते हैं. सावन के महीने में भगवान शिव पर जलार्पण करने की काफी पुरानी परम्परा है. खासकर सोमवार के दिन भगवान शिव पर जलार्पण करना काफी शुभ और जल्द ही मनोकामना पूरी होनेवाला दिन माना जाता हैं.
सावन की पहली सोमवारी पर दुमका के बासुकिनाथ मंदिर में काँवरियो का सैलाब उमड़ पड़ा. पूरा बासुकिनाथ मंदिर मानो शिवमय हो गया. अहले सुबह मंदिर का पट खुलते ही काँवरियो की लम्बी कतार लग गयी और धीरे धीरे काँवरियो की कतार बढती चली गयी. पूरा मंदिर परिसर केसरियामय हो गया है. बाबा बासुकिनाथ का जलाभिषेक करने के लिए काँवरियो का हुजूम उमड़ पड़ा है. महिला-पुरुष और बच्चे सभी जलाभिषेक करने को उत्सुक नज़र आ रहे.
इसे भी पढ़ें- बोल बम के नारों से गुंजयमान बाबानगरी http://www.n7india.com/single_page.php?ad_id=221
हजारों की तादाद में उमड़ी भक्तों की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए सुरक्षा की भी तगड़ी व्यवस्था की गयी है. जगह-जगह पुलिस बल तैनात हैं.
सावन में भगवान शिव पर जलार्पण करने की परम्परा हैं और कामनालिंग बाबा वैद्यनाथधाम पर 105 किलोमीटर की कठिन यात्रा कर देश-विदेश के श्रद्धालु कंधे पर कांवर लेकर आते है. बाबा वैद्यनाथधाम पर जलार्पण करने के बाद कांवरिया फौजदारी बाबा बासुकिनाथ के दरबार में भी हाजिरी लगाते हैं. तब जाकर काँवरियों की यात्रा पूरी मानी जाती हैं.