Jamui: गेमिंग एप के जरिए लोगों को ठगने वाले साइबर अपराधियों के गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए उसमें शामिल पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान पुलिस ने लैपटॉप, चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन सहित लाखों रुपए का सामान बरामद किया है।गिरफ्तार सभी साईबर अपराधी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं, जो पिछले 2 महीनों से जमुई में रहकर लगातार साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे और गेमिंग एप के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे।
जानकारी देते हुए जमुई सदर एसडीपीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि डायल 112 की टीम को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति जमुई के सतगामा इलाके के पास श्रीराम अपार्टमेंट में रहकर साइबर फ्रॉड की घटना को अंजाम दे रहे हैं। डायल 112 की टीम के द्वारा साइबर थाना को सूचित किया गया तथा पुलिस एसपी के नेतृत्व में एक छापेमारी टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने जब श्रीराम अपार्टमेंट में छापेमारी की इस दौरान पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।जिनकी पहचान छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिला के भिलाई शास्त्री चौक निवासी रविशंकर कुमार पिता सुरेंद्र साव, आनंद कुमार पिता हजारी सिंह, सोनू कुमार पिता गोपाल साव, हर्ष कुमार पिता हजारी साव और बिहार के सिवान जिला के आसार थाना क्षेत्र के सहसराय गांव निवासी संदीप कुमार पिता हरेंद्र गौड़ के रूप में किया गया है।पुलिस ने उन सभी अपराधियों के पास से 15 मोबाइल, फोन 3 लैपटॉप 16 चेक बुक एवं बैंक पासबुक 14 एटीएम बरामद किया है तथा विभिन्न खातों में करीब 9 लाख की राशि भी पाई गई है। जिसे पुलिस सीज करवा रही है।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि छानबीन के क्रम में यह सामने आया है सभी अपराधी माइकल रेड्डी और रेड्डी बुक विड्रॉल के नाम से ऑनलाइन गेमिंग में लोगों को फंसाते थे।जिसका कंट्री कोड यूएसए और यूके से जुड़ा है।सट्टेबाजी के नाम पर पैसा लगाकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। इस दौरान एक दो लोगों को पैसा भेज भी दिया जाता था तथा अधिक पैसा होने की स्थिति में हवाला के जरिए भी पैसों का लेनदेन किया जाता था।यह सब अपराधी माइकल रेड्डी के सहयोगी अनिल साव जो दुर्ग जिला के भिलाई थाना क्षेत्र के शारवी चौक का निवासी है। उसके कहने पर इन सभी घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।जब इनके मोबाइल अकाउंट में पेमेंट रिसीव हो जाता था तो इन लोगों से कन्फर्मेशन लिया जाता था। फिर कस्टमर को उपलब्ध काम वाला नंबर दिया जाता था और इनको प्लेयर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराया जाता था। फिर उसी आईडी से प्लेयर गेम करते थे।हारने पर पैसा कंपनी को जाता था और जीतने पर पैसा प्लेयर के अकाउंट में भेज दिया जाता था। इस काम के लिए सभी को 15 हजार रुपए हर महीना वेतन दिया जाता है। पुलिस ने बताया कि इनके आकाओं के द्वारा जमुई शहर में जाकर साइबर फ्रॉड का धंधा करने को कहा गया था।
पुलिस ने जितने भी बैंक चेक बुक पासबुक अकाउंट तथा एटीएम कार्ड जब्त किया है वह सभी किसी अन्य व्यक्ति का है, जो इन लोगों ने भाड़े पर लेकर उसका इस्तेमाल ठगी के लिए करते थे।पुलिस सभी पहलुओं पर छानबीन कर रही है।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि छापेमारी दल में थानाध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी, खैरा थानाध्यक्ष सिद्धेश्वर पासवान, जमुई अंचल पुलिस निरीक्षक सुशील कुमार सिंह, खैरा थाना के पुलिस अवर निरीक्षक मुरारी कुमार, साइबर थाना के पुलिस अवर निरीक्षक ललित कुमार, साइबर थाना एवं डायल 112 के कर्मी तथा तकनीकी शाखा के कर्मी शामिल थे।