रांची।
रांची के रिम्स में गुरुवार को सर्जरी विभाग में डॉ शीतल मलुआ की यूनिट में भर्ती मरीज की जटिल सर्जरी की गई। डॉ मलुआ यूनिट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ जेनिथ ने बताया कि देवघर का रहने वाला एक 18 वर्षीय मरीज सुधीर यादव के पेट में बचपन से ही ट्यूमर था। 18 साल होते-होते ट्यूमर का आकार इतना बड़ा हो गया कि इलाज में थोड़ी भी देरी होती तो बच्चे की जान भी जा सकती थी। इस ट्यूमर को मेडिकल टर्म में टरोटोमा कहा जाता है। यह रेट्रोपनियल भाग में भी पहुंच चुका था। सर्जरी काफी जटिल थी, जिसे पूरी टीम ने अच्छे तरीके से की।
डॉ जेनिथ के अनुसार, ट्यूमर इतना विशाल था कि बाईं और दाईं किडनी के पेशाब की नली को भी दबा रहा था। इस कारण बच्चे का यूरिन भी कम हो रहा था और किडनी में भी काफी सूजन हो गया था। सभी तरह की जांच के बाद डॉ शीतल मलुआ के निर्देशन में पूरी टीम ने जटिल सर्जरी की।
डॉ जेनिथ ने जानकारी दी कि जटिल सर्जरी कर ट्यूमर तो निकाल दिया गया, लेकिन उस ट्यूमर में बाल, दांत व जबड़ा विकसित हो चुका था। इसे ही सर्जरी भाषा में टेरेटोमा कहा जाता है। मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ है। फिलहाल मरीज को आइसीयू में ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। दो-तीन दिनों के अन्दर मरीज के स्वस्थ का परीक्षण कर छुट्टी दे दी जाएगी।
रिम्स में इतने बड़े आकार के ट्यूमर की पहली सर्जरी की गई है।