दुमका।
प्रदेश की दुमका विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव उम्मीदवारों से इतर दो भाइयों की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। उनमें से एक उम्मीदवार के भाई पहले से ही कैंपेनिंग में लगे हैं। जबकि दूसरे उम्मीदवार के मुँहबीले भाई बुधवार से चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं।
दरअसल, जिन दो भाइयों की वजह से दुमका की चुनावी बिसात इंटरेस्टिंग हो गयी है। उनमें एक तरफ झामुमो उम्मीदवार बसन्त सोरेन के भाई और राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन हैं। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की उम्मीदवार और राज्य की पूर्व मंत्री लुइस मरांडी के समर्थन में खड़े हुए गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दूबे हैं। वैसे तो बसन्त सोरेन की उम्मीदवारी मजबूत करने के लिए उनके पिता और दिशोम गुरु शिबू सोरेन भी दुमका पहुंच चुके हैं लेकिन बुधवार को दुमका में गोड्डा सांसद की एंट्री के बाद इलेक्शन कैंपेनिंग और भी दिलचस्प होने की उम्मीद है।
हेमन्त और दूबे की ट्विटर वॉर का असर आ सकता है नजर
दरअसल, दुमका विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को मतदान होना है। ऐसे में दोनों पक्ष अपनी अपनी तरफ से पूरा जोर लगा रहे हैं। चूंकि दुमका विधानसभा पर 2019 में हुए चुनाव में हेमन्त सोरेन ने लुइस मरांडी को हराया था और इसबार वह अपने भाई बसन्त के लिए जी जान से जुटे हैं इसलिए बीजेपी ने उनके सामने निशिकांत दूबे को प्रचार के लिए खड़ा किया है। अंदरूनी सूत्रों की मानें तो चुनाव प्रचार के दौरान दूबे की तरकश से कई ऐसे तीर निकलेंगे जिनका उन्होंने पिछले दिन हेमन्त सोरेन के खिलाफ ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर इस्तेमाल किया था। इतना ही नहीं झामुमो के खिलाफ परिवारवाद और कथित तौर पर संपत्ति जमा करने का शस्त्र भी उनके तरकश से निकलेगा।
महागठबंधन के लिए है नाक का सवाल
वैसे तो राजनीतिक द्रष्टिकोण आए चुनाव सत्तापक्ष और विपक्ष के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है लेकिन इस चुनाव में महागठबंधन की प्रतिष्ठा दांव पर है। चूंकि यह सीट झामुमो ने जीती थी इसलिए उसके ऊपर प्रेशर ज्यादा है। चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए महागठबंधन ने भी अपने सभी नेताओं को मैदान में प्रचार के लिए उतार दिया है। जेएमएम के अलावे कांग्रेस के नेता भी बसन्त सोरेन के पक्ष में वोट मांगते नजर आ रहे हैं। वहीं बीजेपी ने भी इस बावत कोई कसर नहीं छोड़ी है।
सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य की मौजूद सरकार के कार्यकाल के भी असेसमेंट भी इन उपचुनाव में देखने को मिलेगा।