दुमका।
श्रावणी मेला लगाने से इन्कार करने वाले हेमंत सोरेन की सरकार बहुत जल्द गिर जायेगी. झारखंड हाइकोर्ट में लंबित मामले पर फैसला आने से पहले बाबाधाम में श्रावणी मेला पर अपना फैसला देकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोर्ट की अवमानना की है. तीन जुलाई को हमारे वकील कोर्ट में यह मुद्दा उठायेंगे. यह कहना है गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे का. गुरुवार को नयी दिल्ली से दुमका पहुंचने पर गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने ये बातें कहीं.
सांसद डॉ दुबे ने कहा कि मंदिर का खुलना अलग बात है और श्रावणी मेले का आयोजन अलग. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने कैसे झारखंड में मंदिरों को बंद रखा है. उत्तराखंड में सरकार ने चार धाम की यात्रा की अनुमति दे दी है. उसका एसओपी बनाया है कि केवल उत्तराखंड राज्य के ही श्रद्धालु इसमें भाग ले सकेंगे. बिहार में भी सारे मंदिर खुल गये हैं, तो झारखंड में यह तुगलकी फरमान क्यों?
सांसद निशिकांत ने कहा कि जब काशी विश्वनाथ, तिरुपति, उज्जैन और कोलकाता का कालीघाट मंदिर खुल गया, तो देवघर का मंदिर क्यों नहीं खुलना चाहिए. डॉ दुबे ने कहा बैद्यनाथ मंदिर पर मुख्यमंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मामला अदालत की अवमानना का भी है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को सुनवाई के दौरान माननीय हाइकोर्ट के समक्ष उनके वकील मुख्यमंत्री के इस वक्तव्य का प्ली लेंगे कि अदालत के फैसले के पहले उन्होंने निर्णय कैसे ले लिया.
डॉ निशिकांत ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री बाबा के खिलाफ गये हैं. उन्होंने अच्छे-अच्छे को गिरते-मरते देखा है, यह सरकार भी गिर जायेगी, तो कोई आश्चर्य का विषय नहीं होगा.