देवघर/सारठ।
सारठ थाना क्षेत्र के महराजगंज गांव के आठ वर्षीय बालक धनराज दास की झोला छाप डाॅक्टर द्वारा गलत ईलाज करने के दौरान मौत हो जाने का मामला प्रकाश में आया है।
इस संबंध में बच्चे के दादा विवेकानंद दास ने थाने में लिखित शिकायत कर झोला छाप चिकित्सक के विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। घटना के बारे में बताया जाता है कि मृतक धनराज को खांसी हो रही थी। सोमवार को धनराज की मां ने उसे ईलाज के लिए आराजोरी के धर्मपुर स्थित राहुल मेडिकल हाॅल ले गयी और बच्चे के लिए खांसी का एक सिरप मांगा। लेकिन मेडिकल में मौजूद सत्यनारायण वर्मा उर्फ सातो वर्मा जो गांव घर में चिकित्सक का काम करता है उसने बच्चे को एक सुई लगाया। सुई लगाने के बाद बच्चे के मुँह से झाग निकलने लगा। उसके बाद चिकित्सक ने पुनः दो सुई और लगाया। जब बच्चे कि स्थिति बिगड़ने लगी तो आनन-फानन में उसे सीएचसी ले जाने की सलाह दी। परिजनों ने बच्चें को सीएचसी लाया। सीएचसी में भी चिकित्सक ने सूई लगाकर कहा कि स्थिति गंभीर है। उसके बाद देवघर रेफर कर दिया। देवघर सदर अस्पताल पहूंचने पर चिकित्सक ने बच्चें को मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप चिकित्सक द्वारा गलत सुई देने के कारण ही बच्चे की मौत हुई है। मालूम हो मृतक धनराज आराजोरी पब्लिक स्कूल में वन का छात्र था। बच्चे की मौत से गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। मौके पर पुलिस ने पहूंचकर आवशयक जांच पडताल कर शव को पोस्टमार्टम के लिए देवघर भेज दिया है।